एक अनार और सौ बीमार, महाराष्ट्र में कांग्रेस के मंत्री का छलका दर्द
नई दिल्ली- महाराष्ट्र में कांग्रेस ने मान लिया है कि विधायकों में मंत्री बनाए जाने की मांग को लेकर दबाव बहुत ज्यादा है। दरअसल, कांग्रेस के पुणे के दफ्तर में इसको लेकर विधायक के समर्थकों ने भारी उपद्रव मचाया था, जिसके बाद पुलिस ने करीब 20 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। अब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने नाराज विधायकों को भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि वह इस मामले का कोई न कोई हल निकालने की कोशिश करेंगे। आपको बता दें कि कांग्रेस अकेले नहीं है, तीनों पार्टियों में मंत्री बनने की चाहत रखने वालों की होड़ लगी हुई है, लेकिन उद्धव सबको जगह दे दें, संविधान उनको इसकी इजाजत नहीं देता।
एक अनार और सौ बीमार
महाराष्ट्र में कांग्रेस विधायकों में मंत्री बनने को लेकर मचा घमासान अब सार्वजनिक हो गया है। पार्टी के मैनेजरों को समझ में नहीं आ रहा है कि मंत्री बनाने की सभी विधायकों की डिमांड कैसे पूरी की जा सकती है। हालांकि, यह घमासान तीनों सत्ताधारी पार्टियों में मची हुई है, लेकिन कांग्रेस में संकट जरा ज्यादा गहरा हो चुका है। यही वजह है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री बालासाहेब थोराट ने इस मसले पर अपना दर्द मीडिया के सामने बयां कर दिया है। उन्होंने कहा है, "यहां मंत्रियों का पद कम है और बहुत सारे एमएलए हैं, जो कि कैबिनेट में जगह दिए जाने की मांग कर रहे हैं। हम इस मामले को सुलझा लेंगे।"
|
विधायक के समर्थकों ने पार्टी दफ्तर पर किया था हमला
बता दें कि मंत्री नहीं बनाए जाने से कांग्रेस के कुछ विधायकों के समर्थक इतने गुस्से में हैं कि एक विधायक के समर्थकों ने मंगलवार को पुणे में अपनी ही पार्टी के दफ्तर पर गुस्सा उतारना शुरू कर दिया। जिसे जो मिला उसी से वहां पर जमकर उपद्रव किया गया। ये कांग्रेसी पार्टी के भोर से विधायक संग्राम थोपटे के समर्थक बताए जाते हैं। बुधवार को पुलिस ने इस मामले में 19 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। यहां विधायक थोपटे के समर्थकों ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की थी। सोशल मीडिया पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के उपद्रव का विडियो खूब वायरल हुआ है।
संग्राम थोपटे ने दी सफाई
बता दें कि संग्राम थोपटे पूर्व मंत्री अनंतराव थोपटे के बेटे हैं। उन्होंने बुधवार को अपने समर्थकों की ओर से पार्टी दफ्तर में किए गए बवाल पर सफाई भी दी है। उन्होंने कहा है कि,"जो कुछ भी हुआ वह गलत और निंदनीय था। नेतृत्व ने जो भी फैसला लिया है, मैं उससे सहमत हूं और भविष्य में भी मैं उससे सहमत रहूंगा।" सोमवार को महाराष्ट्र में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में उद्धव मंत्रिपरिषद में कुल 36 विधायकों को जगह मिली है। इसमें एनसीपी के 14, शिवसेना के 12 और कांग्रेस के 10 विधायक मंत्री बनाए गए हैं। 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के 56 और एनसीपी के 54 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस विधायकों की संख्या 44 है।
एनसीपी-शिवसेना में भी नाखुशी
बता दें कि मंत्री नहीं बनाए जाने से शिवसेना और एनसीपी में भी नाराजगी है। बीड जिले के मजलगांव विधानसभा क्षेत्र से एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंकी तो मंत्री नहीं बनाए जाने से इतने मायूस हुए कि उन्होंने विधायकी छोड़ने की ही घोषणा कर दी। एनसीपी के नाराज विधायकों के लिस्ट में वे अकेले नहीं हैं पार्टी के मकरंद पाटील और राहुल चव्हाण का भी नाम आ रहा है, जो विस्तार के हिस्सा नहीं बनाये जाने से नाखुश बताए जा रहे हैं।
इसे भी पढ़ें- मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नए मंत्रियों से क्यों कहा- बीजेपी से बच के रहें!