कर्नाटक मुद्दे पर लोकसभा में तीसरे दिन भी हंगामा, कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने किया वॉकआउट
नई दिल्ली। कर्नाटक में जारी सियासी उठा-पटक की गूंज बुधवार को भी लोकसभा में सुनने को मिली। सदन में कर्नाटक मुद्दे पर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने जमकर कर हंगामा किया। यहीं नहीं लगातार दूसरे दिन कांग्रेस ने लोकसभा से वॉक आउट किया। बाद में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार पर जमकर निशाना साधा। दूसरी तरफ राज्यसभा में कर्नाटक मुद्दे पर हंगामे की वजह से 2 बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
जैसे ही बुधवार को शून्यकाल शुरू हुआ, निचले सदन के कांग्रेस सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेसी सांसद वेल ऑफ़ द हाउस घुस आए और उन्होंने स्पीकर के सामने नारेबाजी की। कांग्रेस के साथ वॉकआउट करने वाले अन्य विपक्षी दलों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, नेशनल कॉन्फ्रेंसऔर तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शामिल थे। जब हंगामा हुआ उस समय सदन में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद थीं। हालांकि राहुल गांधी बुधवार को एक दिन के अमेठी दौरे पर होने के कारण सदन में अनुपस्थित रहे।
शून्यकाल शुरू होने पर कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी इस विषय को उठाना चाहते थे। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि उन्हें बाद में मौका दिया जायेगा। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि रोज रोज एक ही विषय को उठाना ठीक नहीं है। यह सदन आपका है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने कहा हमारे एमएलए को ले गए हैं, चुने हुए प्रतिनिधियों की खरीद फरोख्त का प्रयास किया जा रहा है। हिन्दुस्तान के लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
चौधरी ने कहा कि कर्नाटक में मौजूदा सरकार को गिराने की साजिश की जा रही है। इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार गिराने के लिये विधायकों की खरीद फरोख्त की जा रही है। महाराष्ट्र में तो मार्शल लॉ लागू हो गया लगता है। कर्नाटक के सिंचाई मंत्री मुम्बई के होटल में विधायकों से मिलना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उनकी गाड़ी को रोक दिया, होटल में उनकी बुकिंग रद्द कर दी गई।
वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस अपने विधायकों को साथ रखने में विफल रहने के कारण ऐसे आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले विधायकों ने डी के शिवकुमार से खतरा होने के बारे में मुम्बई के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा था और इस शिकायत के आधार पर इन विधायकों को पुलिस सुरक्षा प्रदान कर रही है।