बिहार में RJD से अलग हो सकती है कांग्रेस, सुगबुगाहट तेज!
नई दिल्ली- लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद अब गठबंधन की दोस्ती की असलियत भी सामने आने लगी है। पहले कांग्रेस ने अमेठी में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की हार का ठीकरा समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) पर फोड़ा, अब उसके अंदर से जो संकेत मिल रहे हैं, उससे लगता है कि बिहार में लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से भी उसका मोहभंग हो चुका है।
आरजेडी से अलग हो सकती है कांग्रेस
न्यूज 18 की खबरों के मुताबिक बिहार (Bihar) में कांग्रेस (Congress) जल्द ही आरजेडी (RJD) से अपना रास्ता नाप सकती है। खबरों के मुताबिक कांग्रेस के अंदर से जो संकेत मिल रहे हैं, उससे लगता है कि पार्टी राज्य में आरजेडी (RJD) से अलग अपना स्वतंत्र भविष्य तलाशने की कोशिशों में जुट गई है। दरअसल, बिहार की 40 लोकसभा सीटों में इसबार 39 सीटें एनडीए (NDA) के पास चली गईं और कांग्रेस- आरजेडी (RJD) गठबंधन के खाते में सिर्फ एक सीट ही आई। कांग्रेस का प्रत्याशी सिर्फ किशनगंज (Kishanganj) के मुस्लिम बहुल सीट पर जीता और आरजेडी का तो खाता भी नहीं खुल पाया।
आरजडी के चलते कम हुआ कांग्रेस का जनाधार!
जब से आरजेडी (RJD) बनी है, यह पहला चुनाव है जब राज्य में उसे एक भी सीट नहीं मिली है। शायद कांग्रेस को लगता है कि लालू की गैरमौजूदगी में न तो आरजेडी खुद अपना भला कर पा रही है और न ही इससे उसका हित सधने वाला है। कांग्रेस की ओर से हाल ही में एक बयान जारी कर कहा गया है कि पिछले कुछ चुनावों पर नजर डालें तो आरजेडी (RJD) के साथ रहकर भी कांग्रेस को किसी भी तरह का कोई फायदा नहीं हुआ है। बल्कि, आरजेडी के साथ जुड़ने से कांग्रेस को नुकसान ही हुआ है और उसका अपना जनाधार भी खत्म हो गया है।
इसे भी पढ़ें- JDU और BJP की रार पर बोले सीएम नीतीश कुमार-NDA में नहीं कोई दरार
कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं आरजेडी के नेता!
दरअसल, बिहार की हार में कांग्रेस के मैनेजरों को शायद एक उम्मीद की किरण नजर आ रही है। किशनगंज (Kishanganj) के नतीजे से उन्हें लगता है कि अगर यहां वह आरजेडी (RJD) से अलग हो जाती है, तो मुस्लिम वोटर (Muslim Voter) उसकी ओर चले आएंगे। कांग्रेस को ये भी लगता है कि लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद आरजेडी के अंदर जिस तरह के हालात बन रहे हैं, उसके बाद अगर कांग्रेस उसका दामन छोड़ती है, तो आरजेडी के कई बड़े नेता कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं।
कांग्रेस जल्द ले सकती है बड़ा फैसला
खबरें ये भी हैं कि बिहार (Bihar) में पप्पू यादव (Pappu Yadav) जैसे नेता बहुत जल्द कांग्रेस के साथ जुड़ने का ऐलान कर सकते हैं। उनकी पत्नी पहले से ही कांग्रेस में हैं और इसबार सुपौल से उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस को भरोसा है कि बीजेपी से आकर उसके जुड़े कीर्ति आजाद (Kirti Azad) और शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan sinha) जैसे नेताओं के जरिए वह राज्य में अपना खोया हुआ जनाधार दोबारा पा सकती है। माना जा रहा है कि आरजेडी में टॉप लीडरशिप को लेकर जो अंदरखाने घमासान चल रहा है, उस पर जैसे ही विराम लगेगा कांग्रेस कोई बड़ा फैसला ले सकती है। क्योंकि, अंजाम जो भी हो विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस जमीनी स्तर पर काम करना चाहती है और जनता के बीच अपनी खोई हुई साख को फिर से पाना चाहती है।
इसे भी पढ़ें- बंगाल में BJP समर्थकों ने कहा-'जय श्रीराम' तो बरसी पुलिस की लाठियां