कांग्रेस में चिट्ठी विवाद पर बोले वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा, हम बागी नहीं बदलाव के वाहक
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के भीतर चिट्ठी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिस तरह से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी, उसके बाद इन नेताओं की मंशा पर ही सवाल खड़ा हो गया है। चिट्ठी लिखने वाले नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने भाजपा के इशारे पर यह पत्र लिखा है। हालांकि चिट्ठी लिखने वाले नेताओं ने इससे इनकार किया है और कहा कि यह कदम उन्होंने पार्टी को मजबूत करने के लिए उठाया है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी ट्वीट करके इस चिट्ठी का बचाव किया है।
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इतिहास बहादुरों को स्वीकार करता है
विवेक तन्खा ने ट्वीट कर लिखा कि दोस्तों हम बागी नहीं हैं बल्कि बदलाव के वाहक हैं। यह चिट्ठी पार्टी में नेतृत्व को चुनौती देने के लिए नहीं अपितु पार्टी को मजबूत करने की कोशिश है। यह सार्वभौमिक सत्य है कि जो सबसे बेहतर है उसका बचाव जरूरी है फिर चाहे वह कोर्ट हो या फिर सार्वजनिक मामले। इतिहास बहादुरों को स्वीकार करता है डरपोक को नहीं। बता दें कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मुकुल वासनिक, विवेक तन्खा सहित 23 नेताओं ने अगस्त के पहले हफ्ते में एक चिट्ठी लिखी थी। यह चिट्ठी सोनिया गांधी के नाम लिखी गई थी, इसमे सोनिया गांधी से पार्टी में शीर्ष से लेकर जमीनी स्तर तक बदलाव की मांग की गई थी।
बैठक बेनतीजा
इस चिट्ठी के सामने आने के बाद कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की सोमवार को बैठक बुलाई गई थी। लेकिन इस बैठक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका। फिलहाल सोनिया गांधी कुछ और महीने तक पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष रहेंगी और इसपर उन्होंने अपनी सहमति जताई है। कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुनाव अगले 6 महीनों में किया जाएगा। लिहाजा कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बेनतीजा रही और किसी भी तरह का कोई बड़ा फैसला इसमे नहीं हो सका।
अनुशासन जरूरी
वहीं चिट्ठी प्रकरण पर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी के अंदर के मामलों पर विचार विमर्श सार्वजनिक पटल या मीडिया पर नहीं किया जा सकता है। सभी नेताओं से कहा गया है कि वह अपनी बात पार्टी के मंच पर ही रखे, जिससे कि पार्टी के भीतर अनुशासन बना रहे। कांग्रेस कमेटी की अगली बैठक तक सोनिया गांधी ही पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष रहेंगी और इस बात पर सोनिया गांधी ने अपनी सहमति दी है।