लेटर विवाद पर बोले शॉटगन- मैं पुराना कांग्रेसी नहीं लेकिन यहां शिकायतें रखने का कोई प्लेटफार्म नहीं
नई दिल्ली। सोमवार को कांग्रेस पार्टी में नये नेतृत्व की तलाश को लेकर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में जमकर बवाल मचा, आरोप-प्रत्यारोप के बीच ट्विटर पर भी नेताओं ने काफी सफाई दी, बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पत्र लिखकर पार्टी में शीर्ष से लेकर निचले स्तर तक में बदलाव की मांग की थी, अनुमान लगाया जा रहा था कि पार्टी नेतृत्व में बदलाव को लेकर कोई फैसला कर सकती है लेकिन शाम होते-होते घोषणा की गई कि सोनिया गांधी ही तब तक अंतरिम पार्टी प्रमुख बनी रहेंगी, जब तक कि एक नया अध्यक्ष नहीं चुना जाता है और अब अगली बैठक छह महीने बाद बुलाई जाएगी।
'मुझे तो पार्टी में अभी अभी जुम्मा-जुम्मा चार दिन भी नहीं हुए हैं'
सीडब्ल्यूसी की बैठक में बवाल के बाद कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि मुझे कांग्रेस में शामिल हुए अभी जुम्मा-जुम्मा चार दिन भी नहीं हुए, मैं बहुत पुराना कांग्रेसी नहीं हूं लेकिन जो मैंने देखा उसमें सभी की एक ही शिकायत है कि ऐसा कोई प्लेटफार्म नहीं है, जहां हर कोई अपनी शिकायत रख सके।
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'नेहरू, शास्त्री, इंदिरा की पार्टी है कांग्रेस'
हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस नेहरू, शास्त्री, इंदिरा और राजीव की पार्टी रही है, जहां पर हमेशा से लोकतांत्रिक प्रथा का पूरा पालन होता आया है, जिन लोगों ने पत्र लिखा है, उनके बारे में पता करना होगा, हालांकि ये पार्टी का अंदरूनी मामला है, जिसे कि मिलबैठकर सुलझा लिया जाएगा।
सोनिया-राहुल दोनों काबिल नेता: सिन्हा
गौरतलब है कि सोमवार को कांग्रेस पार्टी की बैठक काफी हंगामेदार रही। दरअसल सारा बवाल एक चिट्ठी को लेकर हुआ है,गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, विवेक तन्खा और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल समेत 23 कांग्रेस नेताओं ने दो हफ्ते पहले चिट्ठी लिखकर कांग्रेस नेतृत्व पर कुछ सवाल उठाए हैं। जिसके बाद सोमवार को हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने चिठ्ठी लिखने वालों पर ही सवाल खड़े कर दिए।
खूब मचा बवाल, Twitter पर भी दिखी तकरार
पहले खबर आई कि राहुल गांधी ने पत्र को भाजपा से मिलीभगत बताया है। जिसे लेकर गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे वरिष्ठ नेताओं ने विरोध जताया। आजाद ने जहां पार्टी में सभी पदों से इस्तीफे की पेशकश कर दी वहीं कपिल सिब्बल ने एक कदम आगे बढ़ते हुए ट्वीट कर दिया। बाद में सफाई दी गई कि राहुल गांधी ने ऐसा कुछ नहीं कहा है जिसके बाद दोनों नेताओं की नाराजगी शांत हुई। कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद और कुछ सीनियर नेताओं की कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद सोमवार शाम को मुलाकात भी हुई थी, फिलहाल मीटिंग तो खत्म हो गई लेकिन मसला अभी शांत होते नहीं दिख रहा।