ज्योतिरादित्य सिंधिया को नहीं मिली एमपी कांग्रेस की कमान, तो छोड़ देंगे कांग्रेस?
कांग्रेस युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी ज्वाइन करने की अटकलें काफी दिनों से चल रही हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के हाथों मात खा चुके ज्योतिरादित्य को एक बार फिर एमपी कांग्रेस मुखिया की कमान सौंपने की कवायद चल रही है, लेकिन अगर इस बार भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को दरकिनार कर किया गया तो माना जा रहा है कि वो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
गौरतलब है प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने एमपी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 6 लोगों की सूची तैयार की है। अंतिरम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजी गई सूची में ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी शामिल हैं। इस सूची में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ जीतू पटवारी, बाला बच्चन, शोभा ओझा, अजय सिंह और राम विलास का नाम भेजा गया है। अटकलों का बाजार गर्म है कि एमपी अध्यक्ष पद के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम पर मुहर नहीं लगी तो सिंधिया के पास पार्टी छोड़ने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं बचेगा। सूत्रों की मानें तो सोनिया गांधी ज्योतिरादित्य के पक्ष में फैसला ले सकती हैं।
चूंकि खुद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ज्योतिरादित्य सिंधिया के पक्ष में हैं, लेकिन यह अंतिम फैसले दिन तय होगा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को कमान मिलती भी है अथवा नहीं। क्योंकि एमपी कांग्रेस के दो दिग्गज नेता मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्वजिय सिंह की तुलना में ज्योतिरादित्य सिंधिया को पहले भी कम तवज्जो मिला। इससे पहले सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के कुचक्रों के चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचने में नाकाम रहे थे। यही नहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी भी इन्हीं दोनों दिग्गजों के चलते छोड़नी पड़ी थी।
उधर, बार-बार अपने नेता के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक भी पार्टी के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। समर्थक लगातार पार्टी हाईकमान पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को दरकिनार करने का आरोप लगा रहे हैं। समर्थकों की नाराजगी इतनी ज्यादा संजीदा हो चली है कि उन्होंने बाकायदा मीडिया में विज्ञापन देकर सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस संगठन की कमान सौंपने की मांग की है। हालांकि सिंधिया को जैसे मीडिया में विज्ञापन के बारे में पता चला तुरंत बयान जारी करके सफाई देते कहा कि कांग्रेस हाईकमान का फैसला सर्वमान्य होगा।
भोपाल की स्थानीय पार्षद शमीम नासिर और अब्दुल नासिर ने अखबार में विज्ञापन देकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग की है। अखबार में छपे विज्ञापन में लिखा गया है 'ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्यप्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष पद पर मनोनित करने हेतु विशेष आह्वान किया गया है। पोस्टर में सिंधिया के लिए लिखा गया है, 'मेरा नेता, मेरा स्वाभिमान'। ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक मध्य प्रदेश से हटाकर पहले उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने और फिर महाराष्ट्र कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाने को लेकर नाराज हैं। उनका कहना है कि पार्टी नेताओं के दुष्चक्र के चलते उनके नेता मध्य प्रदेश को दूर रखा जा रहा है।
उल्लेखनीय है मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की दावेदारी में सबसे आगे चल रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के चलते किनारे होना पड़ा था। समर्थक अपने नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ कांग्रेस के हाईकमान के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था, लेकिन ज्योतिरादित्य के दखल के बाद समर्थक शांत हुए। समर्थक फैसले से इसलिए अधिक नाराज थे, क्योंकि राहुल गांधी के नजदीकी होने के बावजूद ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था। उनका दावा था कि एमपी में कांग्रेस को वोट सिंधिया के चेहरे पर ही वोट मिला था।
ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक और दतिया कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष अशोक दांगी ने जल्द ही मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेजे इस्तीफे में कहा है कि वो ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेशाध्यक्ष नहीं बनाए जाने से बेहद दुखी हैं। इस्तीफे के बाद दांगी ने कहा कि अगर जल्दी ही सिंधिया को प्रदेश की कमान नहीं सौंपी जाती तो हम कार्यकर्ता 24 अकबर रोड पर धरना देंगे। साथ ही दत्तिया जिले के सैकड़ों कार्यकर्ताओं इस्तीफा भी दे देंगे। इससे पूर्व ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों के साथ बीजेपी ज्वाइन करने के खबरें भी इंटरनेट पर खूब वायरल हो चुकी हैं।
गुना संसदीय सीट से मिली हार के बाद से ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पार्टी हाईकान से नाराज चल रहे हैं। यही वजह है ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 5 अगस्त, 2019 को मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर प्रदेश से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाने का स्वागत करते हुए समर्थन करते हुए पार्टी लाइन से इतर चलने की कोशिश की। चूंकि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मोदी सरकार के फैसले का कांग्रेस पार्टी विरोध कर रही थी, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया फैसले का स्वागत करके पार्टी से नाराजगी मोल ली। यह अलग बात है कि कश्मीर मुद्दे पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान के बाद हुई फजीहत के बाद कांग्रेस ने भारत सरकार के फैसले के पक्ष खड़ी हो गईं।
गौरतलब है अगर मध्य प्रदेश कांग्रेस की कमान ज्योतिरादित्य सिंधिया से छीनकर किसी और दिया गया तो एमपी कांग्रेस में घमासान तय है। ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने बेहतर राजनीतिक भविष्य के लिए कोई भी फैसला ले सकते हैं। इनमें बीजेपी उनके लिए एक बेहतर विकल्प है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन वाले बयान करने के बाद एमपी बीजेपी उपाध्यक्ष प्रभात झा ने स्वागत करते हुए उन्हें अनौपचारिक रूप से बीजेपी ज्वाइन का आमंत्रण भी दे दिया था। प्रभात झा ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया के पौत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा परिवार का बताते हुए कहा कि उनके पिता माधव राव सिंधिया ने अपना पहला चुनाव जनसंघ के चुनाव चिन्ह पर ही जीता था।
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