राहुल गांधी ने BSNL-MTNL के विलय पर कसा तंज, कहा- ये बेचनी की तैयारी
नई दिल्ली। भारी घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल का केंद्र सरकार विलय कराने जा रही है। इसे लेकर कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए तंज कसा है। राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि यह सार्वजनिक क्षेत्र की इन दोनों दूरसंचार कंपनियों को 'क्रोनी कैपिटलिस्ट' (सांठगांठ वाले पूंजीपतियों) को सस्ते दाम पर बेचने की तैयारी है। दरअसल, सरकार ने घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए 68,751 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज को बुधवार को मंजूरी दे दी।
बेचने की तैयारी है विलय: राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले का हवाला देते हुए ट्वीट किया, पहला कदम: विलय, दूसरा कदम: कुप्रबंधन, तीसरा कदम: भारी घाटा दिखाना, चौथा कदम: सांठगांठ वाले पूंजीपतियों को सस्ते दाम पर बेच देना। बुधवार को दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पैकेज से जुड़ी जानकारियां साझा करते हुए कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल के विलय को मंजूरी दे दी गई है।
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सरकार ने दोनों कंपनियों के मर्जर का ऐलान किया
भारत संचार नगर निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलिफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) को लेकर चल रही आशंकाओं को दूर करते हुए सरकार ने दोनों कंपनियों के मर्जर का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी। रविशंकर प्रसाद ने कहा, बीएसएनएल और एमटीएनएल को लेकर सरकार की सोच साफ है कि यह कंपनियां नीतिगत रूप से महत्वपूर्ण संपत्तियां हैं।
सरकार ने उठाए ये कदम
कैबिनेट बैठक के बाद दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार ना तो बीएसएनएल, एमटीएनएल को बंद करने जा रही है और ना ही विनिवेश किया जाएगा। घाटे में चल रही कंपनियों को पटरी पर लाने के लिए 29,937 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। योजना के तहत 15,000 करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड जारी किए जाएंगे। 38,000 करोड़ रुपये की संपत्ति का मौद्रीकरण किया जाएगा। इसके अलावा कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना लाई जाएगी।
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