मंत्री ऐसे ही लड़ते रहे तो सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे उद्धव ठाकरे: कांग्रेस नेता
नई दिल्ली। पूर्व कांग्रेस सांसद यशवंतराव गडाख ने महाराष्ट्र सरकार के गठबंधन दलों के बीच मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर खींचतान पर नाराजगी जाहिर की है। अहमदनगर के नेवासा में एक कार्यक्रम में कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं को चेताते हुए गडाख ने कहा कि आप लोग अगर मंत्रालयों और बंगले को लेकर खींचतान करते रहे और काम प्रभावित करते रहे तो सीएम उद्धव इस्तीफा देने को मजबूर हो जाएंगे।
ये लोग विपक्ष में बैठ होते: यशवंतराव
यशवंतराव गडाख ने कहा, अगर उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने का फैसला नहीं लिया होता तो ये (एनसीपी-कांग्रेस) अप्रासंगिक मुद्दों को उठाते हुए, विपक्ष की बेंच पर बैठे होते। आज इनकी मांगे खत्म नहीं हो रही हैं। अगर कांग्रेस और राकांपा के मंत्री बंगले, निजी कार्यालय और विभागों के आवंटन जैसे मुद्दों पर सरकार के काम में बाधा डालते रहेंगे, तो सीएम उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
तीनों दलों में मंत्रीपदों को लेकर खींचतान!
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में साथ लड़ने के बाद शिवसेना और भाजपा अलग हो गए थे। इसके बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाई है। उद्धव ठाकरे सीएम बने हैं। 28 नवंबर को उद्धव ठाकरे के सीएम पद की शपथ लेने के बाद से ही ये खबरें आती रही हैं कि तीनों दलों में मंत्रीपदों को लेकर बहुत ज्यादा खींचतान है। इसी के चलते मंत्रिमंडल विस्तार और विभागों के बंटवारों को लेकर भी देरी हुई।
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3- मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भी जारी खींचतान
उद्धव ठाकरे के मंत्रिमंडल में 42 मंत्री हैं। 28 नवंबर को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के दो-दो मंत्रियों ने शपथ ली थी। इसके बाद बीते माह उद्धव ने अपना मंत्रिमंडल विस्तार किया था। जिसमें 36 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली थी। शिवसेना के मुख्यमंत्री के अलावा 16 मंत्री हैं। वहीं, एनसीपी के 14 और कांग्रेस के 12 मंत्री हैं।