कर्नाटक: सिद्धारमैया की स्पीकर से मांग, बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करें
बेंगलुरु: कर्नाटक में पिछले शनिवार से सियासी संकट चल रहा है। कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 13 विधायक और दो निदर्लीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। इसके बाद से मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी भी सक्रिय हो गई है। बीजेपी ने सूबे के सीएम एचडी कुमारस्वामी से इस्तीफा देने को कहा है। वहीं कांग्रेस-जेडीएस का कहना है कि उनकी सरकार पर कोई संकट नहीं है। कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बीजेपी पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है।
बागी विधायकों की सदस्यता हो रद्द
पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि हम पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए अपने सदस्यों की सदस्यता रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इन विधायकों से बीजेपी ने समझौता किया। मैं उनसे वापस आने और अपना इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध करता हूं। हमने उन्हें अयोग्य ठहराने के लिए स्पीकर के समक्ष याचिका दायर करने का फैसला किया है और स्पीकर से इस्तीफा स्वीकार नहीं करने का अनुरोध किया है।
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मोदी शाह पर लगाया बड़ा आरोप
सिद्धारमैया ने कहा कि सरकार को अस्थिर करना बीजेपी की आदत रही है। बीजेपी को लोगों ने सरकार बनाने के लिए जनादेश नहीं दिया। लोगों ने हमें ज्यादा वोट दिए। कांग्रेस और जेडीएस को मिलाकर 57 फीसदी से अधिक वोट मिले। उन्होंने आगे कहा कि इस बार सिर्फ बीजेपी की राज्य इकाई बल्कि पीएम मोदी और शाह जैसे राष्ट्रीय नेता भी शामिल हैं। उनके दिशानिर्देश पर सरकार को अस्थिर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। ये लोकतंत्र और जनादेश के खिलाफ है। उन्हें पैसे, पद और मंत्री बनाने का ऑफर दिया जा रहा है।
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दलबदल कानून के तहत हो कार्रवाई
कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि हम विधानसभा स्पीकर से दल बदल कानून के तहत कार्रवाई की अपील कर रहे हैं। हमने अपने पत्र में उनसे अपील की है कि नो ने केवल उन्हें अयोग्य घोषित करें बल्कि उनके 6 साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लगाएं। कांग्रसे के नेताओं ने विधानसभा परिसर में लगी महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने भी प्रदर्शन किया। वहीं लोकसभा में बीजेपी ने इस मुद्दे पर वॉकआउट किया।
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