अमर जवान ज्योति पर शशि थरूर का बयान, कहा- लौ अमर होने के लिए है
नई दिल्ली, 24 जनवरी: देश में नेताजी सुभाष चंद्र बोस और अमर जवान ज्योति को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साध रही है। हाल ही में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हमला करते हुए कहा था कि बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं। हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे! वहीं अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर का बयान आया है।

दरअसल, इंडिया गेट पर रखी अमर जवान ज्योति को अब राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में समाहित कर दिया गया है, जिसके बाद से ही यह विवाद तेज होता जा रहा है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे शहीदों का अपमान बताया है। वहीं अब इस मुद्दे पर शशि थरूर ने कहा कि आप अमर जवान ज्योति को सिर्फ इसलिए नहीं बुझा सकते क्योंकि आपको राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में एक और लौ मिली है। लौ अमर होने के लिए है, यह अमर और शाश्वत होने के लिए है। आप केवल वर्तमान सरकार की सनक के कारण जो शाश्वत है उसे नष्ट नहीं कर सकते हैं।
You can't snuff out Amar Jawan Jyoti just because you've got another flame at National War Memorial. The flame is meant to be Amar, it's meant to be immortal & eternal. You don't destroy what is eternal, merely because of the whims of present govt: Congress leader Shashi Tharoor pic.twitter.com/2lJYcaa5AU
— ANI (@ANI) January 24, 2022
वहीं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को लेकर थरूर ने कहा कि भारत में उनके के नाम पर करीब 164 संस्थान हैं, यह सब 2014 से पहले के है। उन्हें सिर्फ होलोग्राम के तौर पर नहीं देखाना चाहिए। नेताजी के पास ना सिर्फ साहस और महानता थी, बल्कि उनके ठोस सिद्धांत भी हैं, जिसको लेकर दुख की बात है कि मौजूदा सरकार उन्हें छोड़ रही है।
नेशनल वॉर मेमोरियल की मशाल में विलीन हुई इंडिया गेट की 'अमर जवान ज्योति'
आपको बता दें कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की मशाल में इंडिया गेट की 'अमर जवान ज्योति' को समाहित कर दिया है। याद रहे कि इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने 1971 में स्थापित किया था। बांग्लादेश युद्ध के दौरान शहीद हुए करीब 4 हजार भारतीय सैनिकों की याद में इसे ज्योति प्रज्ज्वलित किया गया था।