दिल्ली पुलिस पर कांग्रेस का बड़ा आरोप, सुरजेवाला बोले- दफ्तर में घुसकर कार्यकर्ताओं को पीटा
नई दिल्ली, 15 जून: राजधानी दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय के ऑफिस के बाहर कांग्रेसियों को विरोध प्रदर्शन जारी है। ये लोग राहुल गांधी से ED की पूछताछ का विरोध कर रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से लेकर कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय के बाहर भी अपना विरोध जता रहे हैं। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने कई नेताओं को हिरासत में लिया है। इस बीच पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यालय में घुसकर पुलिस ने कार्यकर्ताओं को पीटा है।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी, मोदी सरकार और दिल्ली पुलिस अब गुंडागर्दी पर उतर आई है। AICC के कार्यालय में घुस कर कार्यकर्ताओं और नेताओं को मारना पीटना संयम की सब हदें पार कर गई है। दिल्ली पुलिस के कठपुतली अधिकारी भी जान लें कि ये याद रखा जाएगा।
Recommended Video
दिल्ली पुलिस गुंडागर्दी पर उतरी- सुरेजवाला
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार के रुख पर दिल्ली पुलिस द्वारा पूरी तरह से गुंडागर्दी करते हुए उन्होंने कांग्रेस कार्यालय में प्रवेश किया और कार्यकर्ताओं को पीटा। यह आपराधिक अतिचार है। उनकी गुंडागर्दी चरम पर पहुंच चुकी है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसका हिसाब होगा। इसी के साथ उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि एफआईआर दर्ज की जाए, उन्हें निलंबित किया जाए और अनुशासनात्मक जांच शुरू की जाए। आज सभी कांग्रेस नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। कल (16 जून) कांग्रेस पूरे भारत के सभी राजभवनों का घेराव करेगी और परसों (17 जून) जिला स्तर पर भी विरोध प्रदर्शन होगा।
कांग्रेस के आरोप पर पुलिस का बयान
वहीं कांग्रेस नेता के आरोप पर स्पेशल सीपी (लॉ एंड ऑर्डर) सागर हुड्डा ने कहा कि एआईसीसी कार्यालय के पास कई लोगों ने पुलिस पर बैरिकेड्स फेंके, तो हो सकता है हाथापाई हो गई हो, लेकिन पुलिस एआईसीसी कार्यालय के अंदर नहीं गई और ना लाठीचार्ज किया। पुलिस कोई बल प्रयोग नहीं कर रही है। उन्होंने आगे बताया कि प्रदर्शन का आज तीसरा दिन है। पुलिस ने आज भी कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। आज की प्रदर्शन के लिए कांग्रेस की ओर से कोई अनुमति नहीं मांगी थी। अभी तक 150 लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस द्वारा लाठी चलाने वाली बात गलत है। उनके पदाधिकारियों को उस क्षेत्र के बारे में पता है जिसमें धारा 144 लागू है।