प्रियंका गांधी बोलीं- बेरोजगारी को राजनीतिक नहीं मानवीय नजरिए से देखने की जरूरत
प्रियंका गांधी बोलीं- हम युवाओं के साथ
नई दिल्ली। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने गुरुवार को कहा है कि बेरोजगारी को हम सभी को मानवीय पहलू से देखने की जरूरत है ना कि राजनीतिक लड़ाई के तौर पर इसे देखा जाया। प्रियंका ने उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से बेरोजगारी के मुद्दे पर बात करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनके साथ जुड़े करीब 50 युवाओं के सामने ये कहा। प्रियंका ने कहा कि काम ना होने पर किस तरह की स्थिति से ना सिर्फ युवा बल्कि पूरे परिवार को गुजरना होता है, उसे सत्ता में बैठे लोगों को महसूस करना चाहिए।
कांग्रेस बेरोजगारी के मुद्दे पर युवाओं के साथ
प्रियंका गांधी ने कहा कि हमें सड़क पर भी लड़ना होगा और विधायिका में भी ताकि सरकार तक युवाओं की आवाज पहुंचे। प्रियंका ने इन युवाओं से कहा कि बेरोजगारी की समस्या हमारे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि मानवीय मामला है। यह न्याय का सवाल है और इसे इसी तरह से देखा जाना चाहिए। कांग्रेस महासचिव ने युवाओं को आश्वासन दिया कि कांग्रेस इस पर पीछे नहीं हटने वाली है, पार्टी इस मामले में हर संभव मदद करेगी।
युवाओं ने बताई अपनी-अपनी परेशानी
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े युवाओं ने भी प्रियंका के सामने अपनी परेशानी को रखा। युवाओं ने बताया कि कैसे कई-कई साल परीक्षाओं के रिजल्ट लटका कर रखे जा रहे हैं। इस दौरान युवाओं ने ये भी बताया कि ट्यूशन पढ़ाकर भी कुछ युवा खर्च चला रहे थे तो वो भी लॉकडाउन में बंद हो गया है।
5 साल संविदा काला कानून
प्रियंका गांधी ने इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के पांच साल संविदा को काला कानून बताया और कहा हम ऐसी नीति लाएंगे जिसमें युवाओं का अपमान करने वाला संविदा कानून नहीं बल्कि सम्मान के कानून हों। बता दें कि प्रियंका गांधी लगातार बेरोजगारी का मुद्दा उठा रही हैं। एक ट्वीट में भी उन्होंने कहा कि प्रयागराज में युवाओं के प्रदर्शन में हुए पुलिसिया लाठीचार्ज को लेकर भी भाजपा की आलोचना की है। उन्होंने लिखा कि युवाओं की भर्तियों पर ताला लगाना अन्याय है। इस अन्याय के खिलाफ युवा अपना हक मांगने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं तो उनकी बात सुननी चाहिए। आपकी लाठी इस युवा ललकार को दबा नहीं सकती।