Modi Syndrome: क्या बीजेपी के लिए प्रोटीन शेक बन चुके हैं कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर?
बेंगलुरू। अपने विवादित बयानों से कांग्रेस के लिए मुश्किलें पैदा करने वाले पार्टी नेता मणिशंकर अय्यर ने राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिए एक बेहद ही अमर्यादित टिप्पणी की है। शाहीन बाग में चल रहे नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरने में पहुंचे मणिशंकर अय्यर ने कहा कि जो भी कुर्बानियां देनी हों, इसमें उन्हें भी शामिल होने को तैयार हूं। अब देखें कि किसका हाथ मजबूत है, उनका या उस कातिल का।
कातिल से मणि शंकर का तात्पर्य प्रधानमंत्री मोदी से ही था, जिन्हें मणिशंकर कभी नीच आदमी जैसे उपमाओं से संबोधित कर चुके हैं। हालांक जब कुछ पत्रकारों ने उनसे पूछा कि वह किसे 'कातिल' कह रहे थे तो वह सवालों को टाल गए। इससे पहले वह नरेंद्र मोदी के को छोटा साबित करने के लिए गोवा में आयोजित कांग्रेस सम्मेलन में 'चायवाला' शब्द का इस्तेमाल कर चुके हैं।
यह अलग बात है कि कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के विवादित बयानों का लाभ कभी कांग्रेस को नहीं दिला सके हैं, उल्टा उनके विवादित बयानों की शृंखला से कांग्रेस को फजीहत का सामना करना पड़ा है। चूंकि कांग्रेस नेता भी ऐसे विवादित बयानों के लिए कुख्यात है।
शायद इसीलिए कांग्रेस चाहते हुए भी मणि शंकर अय्यर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है। ढूंढने जाएंगे तो कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के विवादित बयानों की पूरी एक श्रृंखला है, जिसमें वो कभी प्रधानमंत्री को मौत का सौदागर तो कभी खून की दलाली जैसे उपमाओ से नवाज चुके हैं।
तुर्रा यह है कि बीजेपी कांग्रेसी नेताओं के विवादित बयानों को प्रोटीन शेक की तरह इस्तेमाल करती रही है। प्रधानमंत्री मोदी खुद भी कई मौकों पर यह कह चुके हैं कि कमल ( बीजेपी के चुनाव चिन्ह) पर विरोधी जितना कीचड़ उछालेंगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा।
संभवतः बीते कई सालों में बीजेपी कांग्रेस के विवादित बयानों को अपनी चुनावी रणनीति का हिस्सा बना लिया है। इसकी बानगी 2019 लोकसभा चुनाव में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के 'चौकीदार चोर है' बयान से लिया जा सकता है, जिसे बीजेपी ने चुनावी कैंपेन में तब्दील कर दिया था।
दिलचस्प यह है कि रॉफेल डील में कथित घोटाले को लेकर दिए गए चौकीदार चोर बयान के लिए तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को कोर्ट में माफीनामा तक लिखना पड़ गया। इसमें कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी की फजीहत जो हुई सो हुई, लेकिन यह पहला अवसर था जब लगातार बीजेपी दो बार केंद्र में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने में कामयाब हुई।
एक ओर लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा, तो दूसरी ओर बीजेपी 2014 के मुकाबले और बड़ी और प्रचंड जीत के साथ दोबारा सत्ता में काबिज होने में सफल रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से अपनी फजीहत नहीं छुपाई गई और हार की जिम्मेदारी लेने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी छोड़नी पड़ गई।
गौरतलब है कांग्रेस नेता जब जब प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कुछ बोलते हैं उसका हमेशा नुकसान कांग्रेस को होता आया है। इससे पहले जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भी मणिशंकर अय्यर ने विवादित बयान दिया था। मणि शंकर अय्यर ने अनुच्छेद 370 हटाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने देश के उत्तरी बॉर्डर पर एक फिलीस्तीन बना दिया है।
मणिशंकर अय्यर ने यह बयान एक न्यूजपेपर में लिखे लेख के जरिए कहा था। बकौल मणि शंकर अय्यर, मोदी-शाह ने ये पढ़ाई अपने गुरू बेंजामिन नेतान्याहू और यहूदियों से ली है। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि मोदी और शाह ने उनसे सीखा है कि कश्मीरियो की आजादी, गरिमा और आत्म सम्मान को कैसे रोदना है।
मणिशंकर अय्यर का उक्त बयान इसलिए बैक फायर कर गया, क्योंकि पिछले 70-72 वर्षों के अंतराल में भी कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में लागू अस्थायी अनुच्छेद 370 का हटाने का प्रयास नहीं कर पाई है और बीजेपी ने 70-72 वर्षों में यह काम कर दिखाया तो कांग्रेस विरोध में खड़ी हो गई, जिससे कांग्रेस को जनता की नजरों से गिर गई।
कांग्रेस का विरोधी रवैया ही था कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र में दर्ज शिकायत में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के श्रीनगर एयरपोर्ट पर दिए बयान का हवाला दिया, जिसमें राहुल गांधी ने कश्मीर में मानवाधिकार हनन की बात कही थी और कांग्रेस को अपनी फजीहत छिपाने के लिए कश्मीर को भारत का अभिन्न कहना पड़ गया।
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370 हटाने पर मणिशंकर ने कहा था,कश्मीर को बना दिया फिलीस्तीन
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने पर प्रतिक्रिया देते हुए मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने देश के उत्तरी बॉर्डर पर एक फिलीस्तीन बना दिया है। मणिशंकर अय्यर ने एक अखबार में लिखे एक लेख में कहा था कि मोदी-शाह ने ये पढ़ाई अपने गुरु बेंजामिन नेतान्याहू और यहूदियों से ली है। कांग्रेस नेता ने कहा है कि मोदी और शाह ने इनसे सीखा है कि कश्मीरियों की आजादी, गरिमा और आत्म सम्मान को कैसे रौंदना है?
मणिशंकर अय्यर ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने की तीखी आलोचना की थी। एक लंबे लेख में अय्यर ने लिखा था कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने अभी-अभी हमारे उत्तरी बॉर्डर पर एक फिलीस्तीन बना दिया है, ऐसा करने के लिए उन्होंने पहले घाटी में पाकिस्तानी हमले का झूठा प्रपंच रचा, ताकि 35 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती उस जगह पर की जा सके जहां पहले से ही लाखों जवान मौजूद हैं।
अय्यर के 'नीच' और 'चायवाला' बयान से कांग्रेस को उठाना पड़ा था नुकसान
ऐसा लगता है कि कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर अपनी पार्टी को नुकसान पहुंचाने के मोर्चे पर हैं। इस तरह कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने एक बार फिर विवादास्पद बयान देकर कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया है। इसके पहले वे कई बार ऐसा कर चुके हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में उन्होंने पीएम मोदी को चायवाला बताया था, जिसका कांग्रेस को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। इसके बाद भी अय्यर अपनी पार्टी को नुकसान पहुंचाने में पीछे नहीं रहे और गुजरात विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी को 'नीच इंसान' बता दिया। इसके बाद पीएम मोदी ने गुजरात में एक जनसभा में इसका जवाब देते हुए कहा कि आपने हमें नीच कहा, निचली जाति का कहा। ये चुनाव नतीजे ही दिखाएंगे कि गुजरात के बेटे को ऐसा कहना कितना भारी पड़ेगा। और गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पराजय का सामना करना पड़ा।
लाहौर में बोले अय्यर, मुझे ऐसा नहीं लगता मैं उसी मुल्क में रह रहा हूं
पाकिस्तान के लाहौर में एक कार्यक्रम में मणिशंकर अय्यर ने कहा, "मैं अपन देश के माहौल से निराश हूं. मुझे ऐसा नहीं लगता कि 2014 के बाद मैं उसी मुल्क में रह रहा हूं, जहां मैं 1941 में पैदा हुआ और 6 साल की उम्र में खुद को आजाद भारत का नागरिक महसूस किया. अय्यर बोले, "मैं काफी आशा के साथ आया हूं क्योंकि भारत में पिछले चार हफ्ते में जो कुछ हुआ, उसमें वो पॉपुलर काउंटर रिवोल्यूशन है." मणिशंकर अय्यर ने यह बयान इमरान खान के नजदीकी की मौजूदगी में कही थी.
किसने सोचा था कि मुस्लिम को पिल्ला समझने वाला पीएम बन सकता है
11 अगस्त 2018 को मणिशंकर अय्यर ने गुजरात के 2002 दंगों को लेकर पीएम मोदी पर सीधा निशाना साधा था. अय्यर ने कहा था, 'उन्होंने 2014 से पहले नहीं सोचा था कि मुसलमानों को पिल्ला समझने वाला एक मुख्यमंत्री भारत का प्रधानमंत्री बन सकता है। मणिशंकर अय्यर ने कहा, 'जब उनसे (नरेन्द्र मोदी) से पूछा गया था कि क्या आपको दुख है कि 2002 में इतने मुसलमानों को जान की कुर्बानी देनी पड़ी, उन्होंने कहा, 'एक पिल्ला भी गाड़ी के नीचे आ जाय तो दिल में कुछ चोट लगता है।''
टू नेशन थ्योरी का फॉर्मूला देने वाले सावरकर वर्तमान सरकार के गुरू
07 मई 2018 को पाकिस्तान के दौरे पर गए मणिशंकर अय्यर ने लाहौर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था- मौजूदा समय में भारत की स्थिति वीभत्स है। 1923 में एक व्यक्ति वीडी सावरकर ने 'हिंदुत्व' शब्द का आविष्कार किया था, जिसका किसी धार्मिक ग्रंथों से संबंध नहीं है. इसलिए भारत में जो अभी सत्ता में हैं उनके वैचारिक गुरु दो राष्ट्र के सिद्धांत का सबसे पहले प्रस्तावक थे। टू नेशन थ्योरी का फॉर्मूला देने वाले सावरकर वर्तमान सरकार में बैठे लोगों के वैचारिक गुरु है।'
सोनिया गांधी ने मोदी का कहा मौत का सौदागर
सोनिया गांधी द्वारा 2007 के विधानसभा चुनाव के दौरान की गई इस तरह की टिप्पणी ने भारी राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया था। चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के भय के चलते इस तरह की टिप्पणी करने से परहेज किया। कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि मोदी के मुख्यमंत्री बनने के बाद बीजेपी तीन उपचुनावों में पराजित हुई। इसके बाद उन्होंने गोधरा ट्रेन हादसा और दंगों की इजाजत दे दी। अगर आप उनको मौत का सौदागर नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे।
राहुल गांधी बोले, शहीदों के खूनी की दलाली कर रही हैं मोदी
साल 2016 में एक चुनावी रैली के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि पीएम मोदी शहीदों के खून की दलाली कर रहे हैं. उनके इस बयान के बाद बीजेपी के साथ-साथ आम आदमी पार्टी भी राहुल गांधी पर हमलावर हो गई थी दिल्ली के सीएम केजरीवाल भी राहुल गांधी पर जमकर बरसे थे. उनके इस बयान के बाद कांग्रेस की जमकर आलोचना हुई और तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश के साथ गठबंधन होने के बावजूद दोनों को मुंह की खानी पड़ी।
शशि थरूर ने मोदी को बताया था शिवलिंग पर बैठा बिच्छू
शशि थरूर ने बंगलौर साहित्य सम्मेलन में कहा था कि मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू के समान है। आप उसे अपने हाथ से हटा भी नहीं सकते और न ही चप्पल से मार सकते हैं। इस बयान को लेकर शशि थरूर की काफी आचोलना हुई थी. बीजेपी ने इसे लेकर अपनी कड़ी नाराजगी दर्ज कराई थी। दिल्ली की रॉउज एवेन्यू अदालत ने कांग्रेस नेता शशि थरूर के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए विवादित बयान के मामले में जमानती वारंट जारी किया था।
संजय निरूपम ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया अनपढ़-गंवार
संजय निरुपम ने पीएम मोदी को अनपढ़ और गंवार तक बता दिया। दरअसल, निरुपम महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले का विरोध कर रहे हैं जिसमें राज्य के स्कूल में प्रधानमंत्री पर बनी फिल्म दिखाने की बात कही गई है। संजय निरुपम ने कहा 'जो बच्चे स्कूल-कॉलेज में पढ़ रहे हैं उनको मोदी जैसे अपनढ़ गंवार के बारे में जानकर क्या मिलने वाला है। पीएम मोदी से स्कूल के बच्चे कुछ नहीं सीख सकते हैं।' संजय निरुपम ने यह भी कहा कि यह लोकतंत्र है और लोकतंत्र में पीएम भगवान नहीं होता। मैंने कुछ भी अशोभनीय नहीं कहा है।
सैम पित्रोदा ने 1984 सिख दंगों पर कहा, 'हो जो हुआ'
सैम पित्रोदा ने एक पत्रकार के सवाल पर कहा था कि '1984 में हुआ तो हुआ पिछले पांच साल में क्या हुआ इस पर बात करिए। पित्रोदा के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हंगामा मच गया। भाजपा के नेताओं ने इस बयान को हाथों-हाथ लपक लिया। अपनी चुनावी रैलियों में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर निशाना साध रहे मोदी ने इस बार पित्रौदा के इस बयान को गांधी परिवार पर निशाना साधने की वजह बना लिया। एक रैली में उन्होंने कहा, ''कांग्रेस के नेता ने 1984 के दंगों पर कहा कि जो हुआ तो हुआ, क्या आपको पता है ये कांग्रेसी नेता कौन हैं, यह गांधी परिवार के करीबी नेता हैं, इनका गांधी परिवार के साथ उठना-बैठना है. ये नेता गांधी परिवार के सबसे बड़े राज़दार हैं, राजीव गांधी के बहुत अच्छे दोस्त और आज कांग्रेस के नामदार अध्यक्ष के गुरु हैं।
गंदी नाली का कीड़ा बयान पर अधीर रंजन चौधरी को मांगनी पड़ी माफी
दरअसल, लोकसभा में बीजेपी सांसद और मंत्री प्रताप चंद सारंगी ने कहा था कि अटल जी ने इंदिरा की तारीफ की थी तो कांग्रेस को मोदी से क्या परेशानी है। इसके जवाब में उनके बाद बोलने आए सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीएम मोदी का अपमान करते हुए कहा कि - कहाँ माँ गंगा और कहाँ गन्दी नाली का कीड़ा, इसकी तुलना नहीं की जा सकती है।
केवल गधों का सीना 56 इंच का होता है' बयान पर फजीहत
गुजरात में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में पीछे नहीं है। मोढवाडिया ने एक चुनावी रैली में कहा कि केवल गधों का सीना 56 इंच का होता है। बता दें कि साल 2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पीएम ने कहा था कि उनके जैसे 56 इंच सीने वाला व्यक्ति ही बड़े निर्णय ले सकता है।
ऐसा छक्का मारो कि मोदी हिन्दुस्तान के बाहर जाकर मरे
विवादित बयानों की फेहरिस्त में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू का एक और बयान शामिल हो गया है. भोपाल में कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के लिए चुनाव प्रचार कर रहे सिद्धू ने कहा कि ऐसा छक्का मारो कि मोदी हिन्दुस्तान के बाहर जाकर मरे। इससे पहले सिद्धू ने भोपाल में कहा कि मच्छर को कपड़े पहनाना, हाथी को गोद में झुलाना और तुमसे सच बुलवाना असंभव है नरेंद्र मोदी। सिद्धू ने बिहार के कटिहार में नरेंद्र मोदी को हटाने के लिए मुसलमानों से एकजुट होकर वोट करने की अपील की थी।
चौकीदार चोर है बयान को लेकर राहुल गांधी ने मांगी माफी
राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए पेश हुए दस्तावेजों की सत्यता स्वीकार की थी। जिसके बाद राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि चौकीदार ही चोर है। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि राफेल मामले में कोई न कोई भ्रष्टाचार जरूर हुआ है। चौकीदार चोर है बयान को लेकर राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में खेद जताया है। उन्होंने कहा कि चुनावी माहौल की गर्मी के बीच ऐसा बयान निकल गया। कोर्ट में दाखिल हलफनामे में राहुल ने कहा, "मेरा इरादा कोर्ट के आदेश को गलत प्रस्तुत करने का नहीं था