कमलनाथ बनाए गए मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री, कोई नहीं बनेगा डिप्टी सीएम
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भोपाल। मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री (CM Of Madhya Pradesh) का सस्पेंस खत्म हो गया है। राहुल गांधी के साथ चली लंबी बैठक के बाद कमलनाथ के नाम पर मुहर लगा दी गई। कमलनाथ (Kamal Nath) मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री होंगे। दिल्ली से भोपाल पहुंचे कमलनाथ ने विधायक दल की बैठक की। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कमलनाथ के नाम का ऐलान किया गया। इसके साथ ही यह भी खबरें आ रही है कि, राज्य में किसी को भी डिप्टी सीएम नहीं बनाया जाएगा।
विधायकों को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि, 'यह पद मेरे लिए मील का पत्थर। 13 दिसंबर को इंदिरा जी छिन्दवाड़ा आई थीं। मुझे जनता को सौंपा था। ज्योतिरादित्य का धनयवाद जो उन्होंने मेरा समर्थन किया। इनके पिताजी के साथ मैंने काम किया। इसलिए इनके समर्थन पर खुशी हुई। अगला समय चुनौती का। हम सब मिलकर हमारा वचन पत्र पूरा करेंगे। मुझे पद की कोई भूख नहीं। मेरी कोई मांग नहीं थी। मेने अपना पूरा जीवन बिना किसी पद की भूख के कांग्रेस पार्टी को समर्पित किया। मेने संजय गांधी जी , इंदिरा जी , राजीव जी और अब राहुल गांधी के साथ काम कर रहा हूं।'
प्रेस कॉन्फ्रेस को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि, मध्य प्रदेश की जनता का आभरी हूं। मध्य प्रदेश का भविष्य सुरक्षित रहेगा। मेरी कोशिश होगी कि मैं जनता के विश्वास के काबिल बना रहूं। हमने अपने शपथपत्र में जो वादा किया वह पूरा करेंगे। शपथ पर सवाल पूछे जाने पर कमलनाथ ने कहा कि, कल हम 10.30 पर गवर्नर से मिलेगे। इसके बाद शपथ की तारीख का ऐलान किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कमलनाथ 17 दिसंबर को भोपाल में शपथ लेगें।
इससे पहले दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात कर निकले ज्योतिरादित्य सिधिंया ने कहा था कि,ये कोई रेस नहीं और ये कुर्सी के लिए नहीं, हम यहां मध्य प्रदेश की जनता की सेवा के लिए हैं| मैं भोपाल आ रहा हूँ, और आज ही CM के नाम का ऐलान होगा।
बता दें कि इन दोनों नेताओं के बीच ही मुख्यमंत्री पद की रेस थी। दोनों ही लोकप्रिय नेता हैं और अपनी अलग पहचान रखते हैं। कमलनाथ मध्यप्रदेश के कांग्रेस प्रमुख हैं, तो सिंधिया प्रचार कमेटी के प्रमुख रहे हैं। कमलनाथ की पहचान एक अनुभवी वार्ताकार की रही है, लेकिन सिंधिया मध्यप्रदेश में ज्यादा लोकप्रिय चेहरा रहे हैं। कमलनाथ को दिग्विजय सिंह का भी समर्थन हासिल है तो वहीं, सिंधिया की वजह से कांग्रेस को ग्वालियर, चंबल संभाग में बड़ी जीत मिली है, जिसका उन्होंने दावा भी किया था।
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