कांग्रेस नेता जीतू पटवारी पर PM मोदी की फोटो के साथ छेड़-छाड़ कर ट्वीट करने का आरोप, FIR
नई दिल्ली। अक्सर अपने विवाद ट्वीट के चलते सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस नेता जीतू पटवारी की मुश्किलें बढ़ गई है। जीतू पटवारी के खिलाफ कथित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोटो के साथ छेड़-छाड़ करने और उसे ट्वीट करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। बता दें कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक जीतू पटवारी के खिलाफ सत्तारूढ़ भाजपा ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने ट्वीट से पीएम की गरिमा को चोट पहुंचाने के साथ-साथ हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं का आहत किया है। BJP नेता की शिकायत पर इंदौर के छत्रीपुरा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
दरअसल, अयोध्या में भव्य राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने पांच अगस्त को पीएम मोदी की एक फोटो ट्वीट की। आरोप है कि इस ट्वीट में पीएम मोदी की तस्वीर से छेड़-छाड़ कर मुंह पर मास्क और हाथ में एक कटोरा पकड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। ट्वीट के साथ पटवारी ने कथित तौर पर हिंदी में कैप्शन लिखा था कि देश की अर्थव्यवस्था, व्यापार और आय, किसानों की आर्थिक स्थिति, नौकरी और बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की गिरावट, मजदूरों और उनके संघर्ष में गिरावट ये सब टेलीविजन बहस का विषय नहीं हैं, क्योंकि कटोरा लेकर चलेंगे। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद इस ट्वीट को अब हटा दिया गया है।
छत्रीपुरा थाने के इंस्पेक्टर पवन सिंघल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जीतू पटवारी के खिलाफ धारा 188, 464 के समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि पहली नजर में लगता है कि पीएम मोदी की फोटो के साथ टेंपरिंग की गई है। इस मामले में धारा 188 के तहत इसलिए केद दर्ज किया गया है क्योंकि मध्य प्रदेश प्रशासन ने पहले ही जन भावनाओं को भड़काने वाली सोशल मीडिया पोस्ट को बैन कर रखा है, विवाद के बाद पीएम मोदी की फोटो और ट्वीट को हटा दिया गया है।
पिछले
वर्ष
उमा
भारती
व
प्रज्ञा
सिंह
पर
किया
था
विवादित
ट्वीट
मध्य
प्रदेश
में
कांग्रेस
ने
जीतू
पटवारी
ने
साध्वी
उमा
भारती
व
प्रज्ञा
सिंह
ठाकुर
के
मिलन
पर
पिछले
वर्ष
अप्रैल,
2019
में
एक
आपत्तिजनकर
ट्वीट
किया
था।
पटवारी
के
ट्वीट
के
बाद
मध्य
प्रदेश
के
सियासी
पारे
ने
उछाल
मार
दिया
था।
उमा
भारती
और
भाजपा
नेता
प्रज्ञा
ठाकुर
के
मिलन
को
मंत्री
जीतू
पटवारी
ने
राजनीतिक
वासना
बताते
हुए
अपने
ट्विटर
हैंडल
पर
लिखा
था
कि
"दो
राजनीतिक
संतों
का
विलाप!
संत
समाज
को
सकारात्मकता
देता
है
जीवन
को
खुशी-खुशी
जीने
की
दिशा
देता
है।
दो
राजनीतिक
संतों
का
राजनीतिक
वासना
के
लिए
विलाप,
भोपाल
की
जनता
तय
करें"।
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