उत्तराखंड तक पहुंची इस्तीफे की आंच, राहुल के बाद हरीश रावत ने छोड़ा पद
नई दिल्ली। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पार्टी प्रेसिडेंट के पद से इस्तीफा देने के बाद से कांग्रेस में बड़े स्तर के नेताओं के लगातार इस्तीफे हो रहे हैं। इस बीच गुरुवार को असम के प्रभारी और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं जून के अंत में कई कांग्रेसी नेताओं ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने-अपने इस्तीफे पार्टी को सौंप दिए थे। जिसके बाद पार्टी के अंदर इस्तीफों की झड़ी लग गई थी।
गुरुवार को हरीश रावत ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली भारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि, कांग्रेस पार्टी ने हरीश रावत को असम का प्रभारी बनाया था। इन चुनावों में पार्टी के असम में बेहद ही खराब प्रदर्शन रहा। हरीश रावत ने फेसबुक पर पोस्ट लिख हार की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने लिखा कि, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार एवं संगठनात्मक कमजोरी के लिए हम पदाधिकारीगण उत्तरदायी है।
हरीश रावत ने लिखा कि, असम में पार्टी द्वारा अपेक्षित स्तर का प्रदर्शन न कर पाने के लिए प्रभारी के रूप में मैं उत्तरदायी हूँ। मैंने अपनी कमी को स्वीकारते हुए अपने महामंत्री के पद से पूर्व में ही त्यागपत्र दे दिया है। पार्टी के लिए समर्पित भाव से काम करने के लिए मेरी स्थिति के लोगों के लिए पद आवश्यक नहीं है मगर प्रेरणा देने वाला नेता आवश्यक है।
हरीश रावत ने लिखा कि, प्रेरणा देने की क्षमता केवल राहुल गांधी में है, उनके हाथ में बागडोर रहे तो यह संभव है कि हम 2022 में राज्यों में हो रहे चुनाव में वर्तमान स्थिति को बदल सकते है। 2024 में बीजेपी और नरेंद्र मोदी को परास्त कर सकते है इसलिए लोकतांत्रिक शक्तियाँ व सभी कांग्रेसजन श्री राहुल जी को कांग्रेस अध्यक्ष पद पर देखना चाहते है।
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