जस्टिस लोया की हत्या के मामले में बने SIT, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने महाराष्ट्र सरकार से की मांग
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की उद्धव ठाकरे सरकार से जस्टिस लोया की मौत की फिर जांच के लिए एसआईटी गठित करने की अपील की है। सीबीआई के स्पेशल जज जस्टिस बृजगोपाल लोया की मौत के मामले में एसआईटी से जांच कराने की मांग वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने इस साल अप्रैल महीने में फैसला सुनाते हुए सभी अर्जियों को खारिज कर दिया था।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया कि जस्टिस लोया की बहन का आरोप बेहद गंभीर है। अब महाराष्ट्र में एक गैर बीजेपी सरकार है, तो यह सरकार एक एसआईटी का गठन क्यों नहीं कर सकती है जो एक स्वतंत्र न्यायिक आयोग के निर्देशों के तहत जांच कर सकती है जिसे सरकार एक निश्चित समय सीमा में गठन कर सकती है। दिग्विजय सिंह ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर 2017 के एक समाचार लेख को साझा किया है।
इस खबर में न्यायमूर्ति बृजगोपाल हरिकिशन लोया की बहन अनुराधा बियानी ने आरोप लगाया था कि लोया ने उन्हें विश्वास दिलाया कि बॉम्बे हाई कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश मोहित शाह ने उन्हें 100 करोड़ रिश्वत की पेशकश की थी। जो सोहराबुद्दीन मामले में पक्ष में निर्णय देने के लिए थी। दिग्विजय सिंह की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि कोई भी किसी भी मामले में पुनविचार की मांग नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा,अदालत को स्थानांतरित करने और याचिका दायर करने की एक मानक प्रक्रिया होती है।
बता दें कि, सीबीआई के स्पेशल जज जस्टिस बृजगोपाल लोया की मौत के मामले में एसआईटी से जांच कराने की मांग वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने इस साल अप्रैल महीने में फैसला सुनाते हुए सभी अर्जियों को खारिज कर दिया था। तीन जजों की बैंच ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि जनहित याचिकाओं का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। बता दें, सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस की सुनवाई सीबीआई जज जस्टिस बीएच लोया कर रहे थे। जस्टिस लोया सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज थे। जस्टिस लोया की मौत एक दिसंबर 2014 को महाराष्ट्र के नागपुर में उस समय हुई थी जब वो अपने सहयोगी की बेटी की शादी में शामिल होने गए थे।
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