भाजपा कार्यकर्ता को थप्पड़ मारने वाली महिला अधिकारी की दिग्विजय ने की तारीफ, कहा- हमें आपकी बहादुरी पर गर्व
भोपाल। मध्यप्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की रैली के दौरान एक महिला अधिकारी ने भाजपा कार्यकर्ता को थप्पड़ मार दिया था। मामला राजगढ़ का है। अब कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने महिला अधिकारी को इसके लिए शाबाशी दी है। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया था, जिससे मध्यप्रदेश की सियासत में काफी बवाल मच गया। बता दें इस दौरान एक प्रदर्शनकारी ने महिला अधिकारी के बाल भी खींचे थे।
भाजपा पर निशाना साधते हुए दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, 'मप्र के राजगढ़ में भाजपा की गुण्डा गर्दी सामने आ गई। महिला जिला कलेक्टर और महिला एसडीएम अधिकारियों को पीटा गया बाल खींचे गए। महिला अधिकारीयों की बहादुरी पर हमें गर्व है।' ये रैली सीएए के समर्थन में निकाली जा रही थी। राजगढ़ की कलेक्टर निधि निवेदिता और डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा ने धारा 144 का उल्लंघन करने पर भाजपा कार्यकर्ताओं को कथित तौर पर चांटा मार दिया था। जिसके बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने इस मामले में कहा कि वह राजगढ़ कलेक्टर के खिलाफ प्रथमिकी दर्ज कराएगी।
मप्र के राजगढ़ में भाजपा की गुण्डा गर्दी सामने आ गयी। महिला ज़िला कलेक्टर और महिला एसडीएम अधिकारीयों को पीटा गया बाल खींचे गये। महिला अधिकारीयों की बहादुरी पर हमें गर्व है।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 20, 2020
इस मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा, 'राजगढ़ की घटना से मैं स्तब्ध हूं! हाथों में तिरंगा झंडा लिए, 'भारत माता की जय' और 'वंदेमातरम' के नारे लगा रहे लोगों के साथ ऐसी बर्बरता की जाएगी, इसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी। यह मध्यप्रदेश में क्या हो रहा है? एक तरफ तो कांग्रेस सरकार के नेता मंत्री ही संसद द्वारा बनाए गए कानून के विरोध में प्रदर्शन करते हैं और अगर हजारों लोग इसके समर्थन में बाहर निकलें तो उन्हें पीटा जाता है!'
शिवराज ने कहा, 'मैं किसी भी कीमत पर इस तरह की घटना बर्दाश्त नहीं कर सकता। मैं 22 जनवरी को राजगढ़ आकर वहां के निरपराध लोगों के साथ प्रशासन द्वारा की गई बर्बरता के खिलाफ प्रदर्शन करूंगा। राजगढ़ का यह कृत्य कांग्रेस सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा! इसके खिलाफ हम एक विशाल जनांदोलन खड़ा करेंगे! हम कलेक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे और अगर एफआईआर दर्ज नहीं की गई, तो कोर्ट भी जाएंगे।'
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