लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने जमकर की स्पीकर ओम बिड़ला की तारीफ, जानिए क्यों
नई दिल्ली- लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला की वजह से 17वीं लोकसभा का चाल और चरित्र दोनों बदला-बदला नजर आ रहा है। दूसरी बार ही लोकसभा के लिए चुन कर आए स्पीकर ओम बिड़ला अपने कार्यकाल में संसद के पहले ही सत्र को जिस तरह से संचालित कर रहे हैं, उसमें हर रोज एक नई मिसाल कायम हो रही है। अब तक देखा जाता था कि विपक्षी सदस्य स्पीकर पर सत्तापक्ष के हित में पक्षपात का आरोप तक लगा देते थे। लेकिन, इस बार ऐसे कई मौके सामने आए हैं, जब विपक्षी सदस्यों ने ही स्पीकर के ऐक्शन को लेकर उनके तारीफों के पुल बांधे हैं। इस कड़ी में अब कांग्रेस के लोकसभा में नेता सदन अधीर रंजन चौधरी का नाम सामने आया है, जिन्होंने ओम बिड़ला के काम की जमकर सराहना करके सत्ताधारी दल के सदस्यों और मंत्रियों तक को हैरान कर दिया है।
कॉमनवेल्थ देशों के सर्वश्रेष्ठ स्पीकर बनने की कामना
लोकसभा में कांग्रेस के नेता सदन अधीर रंजन चौधरी ने स्पीकर ओम बिड़ला के सदन के संचालन के तरीके और उनके अब तक के परफॉर्मेंस की खूब प्रशंसा की है। उन्होंने इच्छा जताई है कि वे एक दिन कॉमनवेल्थ देशों के सर्वश्रेष्ठ स्पीकर बनकर उभरें। गुरुवार को तीन तलाक बिल (मुस्लिम वुमेन 'प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज' बिल, 2019) पर चर्चा के दौरान उन्होंने जिस तरह से विपक्षी सदस्यों को अपनी बात रखने का मौका दिया, उससे वे बहुत खुश थे। अधीर रंजन चौधरी ने स्पीकर की तारीफ में कहा कि, "आपकी (ओम बिड़ला) बहुत बड़ी भूमिका है, जिसके चलते हम आपके सामने हमारे सारे सवाल और अपनी मांग रख पाए। आपने हमारी मांगों को लगातार सुनते रहे। सदन आसानी से चलता रहेगा। हम चाहते हैं कि आप कॉमनवेल्थ देशों के सर्वश्रेष्ठ स्पीकर के रूप में उभरें।"
कार्यवाही की प्रक्रिया में बदलाव से विपक्ष खुश
दरअसल, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला ही संसद सत्र है और इसी में स्पीकर ओम बिड़ला ने खुद को न सिर्फ सत्ता पक्ष का, बल्कि विपक्ष के स्पीकर के रूप में भी स्थापित कर लिया है। खुद ओम बिड़ला भी लगातार इस बात को कहते रहे हैं कि वे सभी सांसदों के साथ न्याय करेंगे। सदन में वे अक्सर कहते सुने गए हैं, "मैं सभी सांसदों को एक ही तरह से देखता हूं। मैं सांसदों के साथ भेदभाव नहीं करता।" हकीकत तो ये है कि उन्होंने सदन की कार्यवाही की प्रक्रिया में जो सुधार किया है, उससे विपक्ष को फायदा ही मिला है। मसलन, अभी तक यह परंपरा थी कि किसी बिल पर बहस या किसी मुद्दे पर चर्चा और सवालों के बाद संबंधित मंत्री उसपर सदन में जवाब देता था। इस दौरान विपक्षी सदस्य टोका-टाकी करते रहते थे और स्पष्टीकरण भी मांगते थे। कोलाहल के बीच मंत्री के जवाब के साथ उस विषय पर कार्यवाही पूरी हो जाती थी। लेकिन, स्पीकर ओम बिड़ला अब मंत्री के जवाब के बाद भी सदस्यों को स्पष्टीकरण मांगने की इजाजत दे रहे हैं और मंत्री को अपने जवाब से सदस्यों को संतुष्ट करना पड़ता है। संसद के संचालन की प्रक्रिया में इसे बहुत बड़ा बदलाव माना जा रहा है और इससे सबसे ज्यादा विपक्षी सांसद ही खुश नजर आ रहे हैं।
इसे भी पढ़ें- आजम के 'आंखों में आंखें' बयान पर TMC सांसद मिमी चक्रवर्ती ने स्पीकर से की ये बड़ी मांग
हर सांसद को दे रहे हैं मौका
ओम बिड़ला ने सदन के संचालन के तरीके में जो बदलाव किया है, उसी का नतीजा है कि लोकसभा का बिजनेस औसत 100 फीसद से भी ज्यादा हो रहा है। स्पीकर देर तक सदन में बैठे रहते हैं और कार्यवाही जारी रहती है। इतने कम समय में ही अधिकतर नए सांसदों को सदन में अपनी बात रखने का मौका मिल चुका है। इससे पहले बहुत कम ही सांसद होते थे, जिन्हें उनके पहले कार्यकाल में ही सदन में बोलने का मौका मिल पाता था। लेकिन, ओम बिड़ला ने जीरो आवर में सबको सवाल पूछने की खुली छूट दे रखी है। राजस्थान के कोटा से दूसरी बार चुनकर आए ओम बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौजूदा सत्र के तीसरे दिन रखा, तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि इतने कम वक्त में वे सांसदों के बीच इतने लोकप्रिय हो जाएंगे। ओम बिड़ला पिछले 19 जून को सर्वसम्मति से स्पीकर चुने गए थे।