अधीर रंजन चौधरी ने पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी के लिए मांगी माफी, बोले- 'मेरी हिंदी ठीक नहीं'
नई दिल्ली: कांग्रेस के लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई अपनी विवादित टिप्पणी के लिए माफी मांगी है। उन्होंने संसद के बाहर रिपोर्टरों से बातचीत करते माफी मांगी। उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मेरी हिंदी ठीक नहीं है। मेरे कहने का मतलब नाली से नहीं था। सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के 'गंदी नाली' शब्द का इस्तेमाल किया।
अधीर रंजन ने पीएम मोदी से मांगी माफी
अधीर रंजन चौधरी ने संसद के बाहर लोकसभा में पीएम मोदी पर की गई विवादित टिप्पणी के लिए माफी मांगी। रिपोर्टरों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह गलतफहमी है, मैंने 'नाली' नहीं कहा। अगर पीएम इससे नाराज हैं तो मुझे खेद है। मेरा उन्हें चोट पहुँचाने का कोई इरादा नहीं था। अगर पीएम आहत हैं तो मैं उनसे व्यक्तिगत रूप से माफी मांगूंगा। मेरा हिंदी अच्छी नहीं है, 'नाली' से मेरा मतलब चैनल से है।
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पीएम मोदी को कहा 'गंदी नाली'
अधीर रंजन ने कहा कि कहा कि इंदिरा संदर्भ में बीजेपी की टिप्पणी पर कहा कि कहां गंगा मां और कहां गंदी नाली, दोनों की तुलना ठीक नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि हमारा और मुंह मत खुलवाओ। दरअसल बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि एक समय देश में इंदिरा इज इंडिया जैसा माहौल था। हालांकि भारी हंगामे के बाद उनकी टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से बाहर कर दिया गया।
सोनिया,राहुल को जेल क्यों नहीं भिजवाया
बीजेपी की तरफ से 2जी मामले का उल्लेख करने पर अधीर रंजन ने कहा कि वह सरकार से पूछना चाहते हैं कि अगर भ्रष्टाचार हुआ था तो आपने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जेल में क्यो नहीं डाला? आप लोग सिर्फ बातें करते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बड़े सेल्समैन हैं और इस चुनाव में उन्होंने अपने उत्पाद को अच्छी तरह बेचा। कांग्रेस अपने उत्पाद को बेचने में विफल रही, यह बात हम स्वीकार करते हैं।
मोदी की स्वामी विवेकानंद से तुलना पर क्या कहा
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने एनडीए सरकार पर अपनी प्रशंसा सुनने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार को प्रशंशा सुनने का नशा है और वह अतीत की कांग्रेस सरकारों की उपलब्धियों को स्वीकार नहीं करना चाहती है। उन्होंने प्रताप सारंगी की ओर से मोदी की प्रशंसा में उन्हें स्वामी विवेकानंद की उपमा दिए जाने पर आपत्ति जताया।