CWC बैठक: सोनिया गांधी बोलीं- CAA देश बांटने वाला कानून, जेएनयू हिंसा की हो जांच
नई दिल्ली। दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्षा सोनिया गांधी नेतृत्व में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई बैठक में सीएए, जेएनयू हिंसा और दिल्ली विधानसभा चुनावों समेत कई अहम मुद्दों पर पार्टी की आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक में तय किया गया है कि, पार्टी शीतकालीन सत्र में पार्टी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जोरदार आवाज सदन में उठाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों और अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के करोड़ों कार्यकर्ता समानता, न्याय और सम्मान के लिए संघर्ष में लोगों के कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि जेएनयू और अन्य जगहों पर युवाओं एवं छात्रों पर हमले की घटनाओं के लिए उच्च स्तरीय आयोग के गठन किया जाना चाहिए। सोनिया ने कहा, नए साल की शुरुआत संघर्षों, अधिनायकवाद, आर्थिक समस्याओं, अपराध से हुई है। उन्होंने को सीएए भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी कानून करार देते हुए दावा किया कि इसका मकसद भारत के लोगों को धार्मिक आधार पर बांटना है।
Congress interim President Sonia Gandhi: The CAA is a discriminatory and divisive law. The sinister purpose of the law is clear to every patriotic, tolerant and secular Indian: it is to divide the Indian people on religious lines. https://t.co/5n5LcZAFyo
— ANI (@ANI) January 11, 2020
सोनिया ने कहा कि जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और कुछ अन्य जगहों पर युवाओं और छात्रों पर हमले की घटनाओं की जांच के लिए विशेषाधिकार आयोग का गठन किया जाए। उन्होंने खाड़ी क्षेत्र के घटनाक्रम को लेकर भी चिंता प्रकट की। कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी में चार मुद्दों पर प्रस्ताव पास किया, CAA, NRC के विरोध को दबाने की सरकार की कोशिशों के खिलाफ, देश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति के बारे में। जम्मू कश्मीर में सरकार की पाबंदी के 6 महीने पूरे होने पर। गल्फ में ईरान और अमेरिका के बीच विवाद की वजह से बन रहे हालात पर।
पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में हो रही इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और कई अन्य नेता शामिल हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, आर्थिक स्थिति गंभीर और खतरनाक है। सरकार ध्रुवीकरण की राजनीति में लगी है, उसे कोई चिंता नहीं है। कांग्रेस राजनीतिक हालात और आर्थिक स्थिति को लेकर चिंतित है। इनके अलावा कई और बिंदुओं पर गहन चर्चा होगी।
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