दिल्ली में जानबूझकर कुर्बान हुई कांग्रेस, सामने आया AAP को जिताने का 'गेम प्लान' ?
नई दिल्ली- दिल्ली चुनाव के नतीजे आने अभी बाकी हैं, लेकिन सिर्फ एग्जिट पोल के नतीजों ने ही कई तरह के रहस्यों पर से पर्दा उठाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस के एक बड़े नेता ने कहा है कि दिल्ली में भाजपा-विरोधी वोटों का बंटवारा न हो इसलिए कांग्रेस ने जानबूझकर अपनी पार्टी की बलि चढ़ा दी। कांग्रेस के ये नेता कोई और नहीं जाने-माने वकील और राज्यसभा सांसद केटीएस तुलसी हैं। बड़ी बात ये है कि कांग्रेस की ओर से एग्जिट पोल आने के बाद तीन ऐसे बड़े बयान आए हैं, जिससे संकेत मिलते हैं कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में कुछ न कुछ सहमति जरूर थी, जिसकी वजह से कांग्रेस के बड़े नेताओं ने प्रचार के नाम पर महज खानापूर्ति की और भाजपा को हराने के लिए आम आदमी पार्टी को परोक्ष समर्थन दी गई।
'आप' को जिताने का 'गेम प्लान' ?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केटीएस तुलसी ने कहा है कि दिल्ली चुनाव में अरविंद केजरीवाल की पार्टी को जिताने के लिए कांग्रेस पार्टी ने खुद को कुर्बान कर दिया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा की नफरत की राजनीति को रोकने के लिए ये सबक सिखाना जरूरी था। इससे पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता सदन अधीर रंजन चौधरी ने भी एग्जिट पोल के नतीजों के आधार पर कहा था कि अगर केजरीवाल जीतते हैं तो यह विकास के एजेंडे की जीत मानी जाएगी। तथ्य ये भी है कि पहले से ही यह अनुमान लगाया जा रहा था कि कांग्रेस यह चुनाव खानापूर्ति के लिए लड़ रही है। क्योंकि, इसमें कांग्रेस के किसी भी बड़े नेताओं ने जोर नहीं लगाया। मौजूदा दौर में शीला दीक्षित के बाद सबसे बड़े नेता अजय माकन भी चुनाव प्रचार के दौरान अमेरिका यात्रा पर निकल गए थे। सोनिया तो प्रचार से दूर ही रहीं, राहुल-प्रियंका ने भी कुछ रैलियां करके महज औपचारिकता ही निभाई। ऐसे में अब कांग्रेस नेताओं के जो बयान आ रहे हैं, उससे जाहिर है कि कहीं बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस की यह रणनीति तो नहीं थी? खासकर तुलसी का बयान तो पूरी तरह से उसी की ओर इशारा कर रहा है।
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कांग्रेस कुर्बान हुई 'आप' के लिए
राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केटीएस तुलसी ने कहा है, "लगता है कांग्रेस ने वोटों के बंटवारे को रोकने के लिए कुर्बानी दी है, जिसके परिणाम स्वरूप बीजेपी जीत सकती थी। अगर कांग्रेस कांग्रेस भी पूरी ताकत से चुनावी मुहिम में शामिल होती तो बीजेपी जीत जाती।" गौरतलब है कि करीब 10 एग्जिट पोल के नतीजों में आम आदमी पार्टी की भारी जीत का अनुमान जताया गया है और इसमें कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत ही बुरा होने की संभावना जताई गई है। इससे पहले दिल्ली में कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको ने आम आदमी पार्टी के साथ चुनाव नतीजे आने के बाद गठबंधन के भी संकेत दिए थे। वहीं अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि, "इस चुनाव में बीजेपी ने अपना सारा सांप्रदायिक एजेंडा चलाया और अरविंद केजरीवाल जी ने विकास का एजेंडा चलाया। अगर केजरीवाल जीतते हैं तो यह विकास के एजेंडे की जीत होगी।"
एग्जिट पोल के नतीजों में कांग्रेस बुरी तरह फेल
गौरतलब है कि दिल्ली चुनाव के बाद आए सभी एग्जिट पोल ने आम आदमी पार्टी को भारी बहुमत मिलने का अनुमान जताया है। पिछले चार चुनावों से सबसे भरोसेमंद साबित हो रहे इंडिया टुडे एक्सिस माय इंडिया पोल ने तो पार्टी को कम से कम 59 और अधिकत 68 सीटें जीतने तक का अनुमान लगाया है। जबकि, इस एग्जिट पोल में कांग्रेस के खाते में एक भी सीट जाती हुई नहीं दिखाई गई है। कई सर्वे के विश्लेषणों से ये भी पता चला है कि कांग्रेस के वोट लगभग पूरी तरह से केजरीवाल की पार्टी को ट्रांसफर हो गए हैं। दिल्ली के मुस्लिम बहुल सीटों पर भारी मतदान भी इसी संभावना की गवाही दे रहे हैं। बहरहाल सच तो तभी सामने आएगा जब मंगलवार को ईवीएम में पड़े मतों की गिनती की जाएगी।
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