इलेक्टोरल बॉन्ड पर कांग्रेस का संसद में हंगामा, कहा- ये एक बड़ा स्कैम
Recommended Video
नई दिल्ली। गुरुवार को संसद के दोनो सदनों में कांग्रेस ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने इलेक्टोरल बॉन्ड की योजना में पारदर्शिता ना बरते जाने की बात कहते हुए लोकसभा में इसे एक बड़ा घोटाला बताया है। कांग्रेस ने मामले पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस भी दिया। लोकसभा की कार्रवाई शुरू होने पर मामले को लेकर कांग्रेस और दूसरे विपक्षी सांसद नारेबाजी करते हुए लोकसभा की वेल में भी आ गए।
लोकसभा में इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर कांग्रेस सासंद मनीष तिवारी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। मनीष तिवारी ने लोकसभा में कहा, इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम सिर्फ चुनावों तक सीमित थी, लेकिन 2018 में एक आरटीआई में सामने आया कि सरकार ने इल्क्टोरल बॉन्ड को लेकर आरबीआई के विरोध को भी दरकिनार कर दिया। इस पर सरकार जवाब दे।
इलेक्टोरल बॉन्ड मुद्दे पर बोलते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कारोबारी और अमीर लोग सत्ताधारी पार्टी को चंदा देकर राजनीतिक हस्तक्षेप करेंगे, थरूर ने कहा कि जब चुनावी बांड पेश किए गए थे, तो हममें से कई लोगों ने गंभीर आपत्ति जताई थी लेकिन हमारी नहीं सुनी गई।
लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा में भी इलेक्टोरल बॉन्ड और पीयूसी कंपनियों की हिस्सेदारी बेचने समेत अन्य मुद्दों पर राज्यसभा में हंगामा हुआ। राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने सरकार को इन मुद्दों पर घेरा।
इलेक्टोरल बॉन्ड पर हाल ही में एक न्यूज वेबसाइट ने खुलासा किया है कि 2017 के बजट से ठीक पहले खुद आरबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड का विरोध किया था लेकिन मोदी सरकार ने आरबीआई की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए इलेक्टोरल बॉन्ड की घोषणा कर दी। इससे राजनीतिक पार्टियों को बिना पहचान बताए चंदा देने का रास्ता साफ हुआ और सबसे ज्यादा चंदा भाजपा को मिला।
महाराष्ट्र पर कल आ सकता है फाइनल फैसला, सोनिया गांधी के घर हुई कांग्रेस नेताओं की बैठक