जम्मू में इकट्ठा हुआ कांग्रेस के 'नाराज' नेताओं का गुट, गांधी परिवार को दे सकते हैं बड़ा संदेश
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने 5 राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। जिसके बाद से सभी पार्टियां प्रचार में जुटी हुई हैं। इस बीच कांग्रेस की अंदरुनी कलह खुलकर सामने आने लगी है। कांग्रेस के नाराज नेताओं को गुट शुक्रवार को जम्मू पहुंचा। इस गुट को G-23 नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने पिछले साल पत्र लिखकर कांग्रेस हाईकमान पर सीधे तौर पर सवाल उठाए थे। अब खबर आ रही है कि जम्मू के सार्वजनिक मंच से ये गुट गांधी परिवार को कड़ा संदेश दे सकता है।

दरअसल कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद कोरोना महामारी के बाद पहली बार अपने गृहराज्य जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं, जहां शनिवार को वो कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। साथ ही अलग-अलग सामाजिक संगठनों ने उन्हें सम्मानित करने का कार्यक्रम रखा है। आजाद के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कपिल सिब्बल, राज बब्बर, विवेक तन्खा भी जम्मू पहुंच गए हैं। वो भी जम्मू में एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में मनीष तिवारी के भी शामिल होने की उम्मीद है। हाल ही में दक्षिण भारत के दौरे पर गए राहुल गांधी ने उत्तर भारत को लेकर एक विवादित बयान दिया था। जिससे वो विपक्षी दलों के साथ अपने ही पार्टी के नेताओं के निशाने पर आ गए थे। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि G-23 के नेता इस मुद्दे पर गांधी परिवार को कड़ा संदेश दे सकते हैं।
न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक G-23 के एक वरिष्ठ नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि ये राहुल गांधी के लिए एक संदेश है। हम देश को बताएंगे कि उत्तर से दक्षिण भारत एक है। पिछले साल इन नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था, जिसमें संगठनात्मक चुनावों को जल्द करवाने पर जोर दिया गया। अब एक बार फिर गांधी परिवार और उनके वफादार G-23 के निशाने पर हैं। सूत्रों के मुताबिक हाल ही में गुलाम नबी आजाद राज्यसभा से रिटायर हुए। उस दौरान पार्टी ने उनके साथ जो व्यवहार किया वो भी इन नेताओं को पसंद नहीं आया।

G-23 के एक दूसरे नेता ने कहा कि जब अन्य दल आजाद को सीट दे रहे थे, तो पीएम मोदी ने उनके बारे में बहुत ही अच्छी बातें कहीं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने उनके प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाया। वास्तव में एक वकील जो रॉबर्ट वाड्रा का केस लड़ रहे हैं, उन्हें राज्यसभा लाया गया। इसके अलावा राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे की नियुक्ति से भी G-23 नाराज है। सूत्रों के मुताबिक G-23 के नेता जम्मू में अपने मन की बात कहेंगे और एकजुटता दिखाएंगे। जिससे पार्टी नेतृत्व को एक संदेश जाएगा। वहीं कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी G-23 नेताओं के इस कदम से वाकिफ है। इस मामले में पार्टी के एक नेता ने कहा कि हाईकमान पूरे प्रकरण पर नजर रख रहा है। अभी वो किसी निष्कर्ष पर आने की जल्दी में नहीं हैं।
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क्या था राहुल गांधी का बयान?
राहुल गांधी ने मंगलवार को केरल में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीतला के नेतृत्व में आयोजित 'ऐश्वर्य यात्रा' के समापन पर जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि मैं पहले 15 साल के लिए उत्तर भारत में सांसद रहा। मुझे एक अलग तरह की राजनीति की आदत हो गई थी। मेरे लिए, केरल आना बहुत नया था क्योंकि अचानक मैंने पाया कि लोग मुद्दों में दिलचस्पी रखते हैं, यहां के लोग सिर्फ दिखावे के लिए नहीं बल्कि गहनता से उस पर विचार करते हैं और फिर अपनी बात रखते हैं। साथ ही मुद्दों पर विस्तार से चर्चा भी करना चाहते हैं, यहां सतही राजनीति नहीं होती है। मैं जब भी यहां आता हूं तो मुझे यहां के लोगों से हर बार कुछ सीखने को मिलता है।