CM समेत 3 मंत्रियों की अनुपस्थिति पर गोवा कांग्रेस ने उठाए सवाल, राष्ट्रपति शासन लगाने की रखी मांग
नई दिल्ली। गोवा में राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस ने सोमवार को मांग की कि मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की अनुपस्थिति के चलते गोवा में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए, जो वर्तमान में चिकित्सा उपचार के लिए अमेरिका में हैं। गोवा कांग्रेस के प्रवक्ता रमाकांत खलाप ने कहा कि राज्य को संवैधानिक संकट का सामना करना पड़ रहा है, और उन्होंने राज्यपाल मृदुला सिन्हा से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कारणों की वजह से मुख्यमंत्री पार्किकर लगातार राज्य से बाहर हैं वो बिना किसी को पदभार सौंपे।
खलाप ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ-साथ राज्य के बिजली मंत्री पांडुरंग मदकाइकर और शहरी विकास मंत्री फ्रांसिस डिसूजा बीमारियों की वजह से जिम्मेदारी की निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं। खलप ने कहा, मुख्यमंत्री और इन मंत्रियों को राज्य में वापस आने का समय निर्धारित नहीं है। ऐसे में उन्होंने राज्यपाल से हस्तक्षेप करने को कहा का क्योंकि राज्य संवैधानिक संकट से गुजर रहा है।
बता दें कि 62 वर्षीय पर्रिकर ने इस साल मार्च और जून के बीच एक बीमारी की इलाज के लिए अमेरिका गए हुए थे। वहीं 10 अगस्त को फिर से अमेरिका गए और 22 अगस्त को लौटे आए, लेकिन अगले ही दिन उनको इलाज के लिए मुंबई के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने शुक्रवार को कहा था कि वह डॉक्टरों की सलाह पर पिछले गुरुवार को फिर से अमेरिका गए हैं और 8 सितंबर को भारत लौटने की उम्मीद जताई थी। वही डिसूजा पिछले महीने एक चिकित्सा उपचार के लिए अमेरिका गए थे।
कांग्रेस
ने
लगाया
शपथ
के
उल्लंघन
का
आरोप
गोवा
कांग्रेस
ने
मुख्यमंत्री
मनोहर
पर्रिकर
मुख्यमंत्री
के
शपथ
का
उल्लंघन
का
आरोप
लगाया
है।
कांग्रेस
ने
कहा
कि
मुख्यमंत्री
के
साथ
दो
मंत्री
राज्य
के
प्रति
अपने
कर्तव्यों
का
निर्वहन
ठीक
से
नहीं
कर
पा
रहे
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
ऐसे
में
वर्तमान
सरकार
को
बर्खास्त
कर
राष्ट्रपति
शासन
लागू
करने
की
मांग
की।
खलाप
ने
कहा
कि
हम
मुख्यमंत्री
की
अस्थायी
अनुपस्थिति
को
समझ
सकते
हैं
लेकिन
24
घंटे
से
अधिक
समय
तक
अनुपस्थित
रहने
पर
शक्तियां
किसी
और
को
भी
दी
जा
सकती
है।
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