लोकसभा चुनाव 2019- पश्चिम बंगाल में कांग्रेस-सीपीएम गठबंधन दो सीटों पर फंसा
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और सीपीएम के बीच गठबंधन को लेकर लगातार कयास लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस की बंगाल इकाई का कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया(सीपीएम) के साथ दो सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर गतिरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस और सीपीएम पश्चिम बंगाल में रायगंज और मुर्शदाबाद सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं और दोनों इस पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। इसी पर दोनों पार्टियों के बीच समझौते पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
कांग्रेस ने रायगंज और मुर्शिदाबाद सीट पर दावा किया
पश्चिम बंगाल की रायगंज और मुर्शिदाबाद लोकसभा सीट पर फिलहाल सीपीएम का कब्जा है। ये दोनों सीटें ही पश्चिम बंगाल में लेफ्ट के पास हैं। इन दोनों सीटों पर उनका जनाधार मजबूत है। कांग्रेस नेता ने कहा कि रायगंज और मुर्शिदाबाद हमेशा से हमारा गढ़ रहा है। चतुष्कोणीय मुकाबले की वजह से सीपीएम ने साल 2014 के चुनाव में ये सीट जीती थी। सीपीएम को ये समझनाचाहिए कि कांग्रेस की मदद के बिना वो ये दोनों सीटें नहीं जीत सकती है। एक और कांग्रस के नेता ने कहा कि 2014 के बाद हालात काफी बदल गए हैं।
लेफ्ट का दोनों सीटें छोड़ने से इनकार
सीपीएम के रायगंज से सांसद मोहम्मद सलीम और मुर्शिदाबाद से सांसद बद्रुद्दोज़ा खान आने वाले लोकसभा चुनाव में भी इन सीटों से ही चुनाव लड़ना चाहते हैं। सीपीएम के एक सीनियर नेता ने कहा कि ये दोनों सीटें हमारी हैं। अगर हम इन सीटों को छोड़ देते हैं तो पार्टी के काडर के मनोबल पर इसका नेगेटिव असर पड़ेगा।
इतनी सीटों पर लड़ना चाहते हैं कांग्रेस-लेफ्ट
कांग्रेस के नेता प्रदीप भट्टाचार्य और अब्दुल मन्नान ने पिछले हफ्ते सीपीएम नेता सुजान चक्रवर्ती और रबीन देब के साथ सीट बंटवारे पर कुछ दौर की बातचीत की थी।. कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सोमेन मित्रा और सीपीएम के राज्य सचिव सूर्य कांत मिश्रा अगले हफ्ते गठबंधन को लेकर बातचीत करेंगे। मित्रा ने उम्मीद इस मामले में उम्मीद जताई और कहा कि इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार वो लोकसभा की 42 सीटों में से 20 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है और लेफ्ट जिसे अपने सहयोगी दलों के सीटें छोड़नी हैं, 26 से 28 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता है। कांग्रेस ने 2014 के चुनाव में 4 सीटें जीती थी। इसमें से मालदा के कांग्रेस सांसद मौसिम बेनजीर नूर ने इस साल जनवरी में टीएमसी का दामन थाम लिया।