G-23 के नेता गुलाम नबी आजाद को कांग्रेस ने दी बड़ी जिम्मेदारी, बनाया कोविड टास्क फोर्स का अध्यक्ष
नई दिल्ली, 11 मई: 5 राज्यों में करारी हार के बाद अब कांग्रेस ने आत्ममंथन शुरू कर दिया है। जिसमें पार्टी हाईकमान की प्राथमिकता नाराज नेताओं को मनाने की है। इसके लिए पार्टी ने एक अहम कदम उठाते हुए जी-23 के नेता गुलाम नबी आजाद को पार्टी की कोविड राहत टास्क फोर्स का अध्यक्ष नियुक्त किया। वैसे देखा जाए तो जी-23 के 'लेटर बम' के बाद ये आजाद को पहली बड़ी जिम्मेदारी है। उम्मीद जताई जा रही है कि इससे बाकी वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी कम होगी।
मौजूदा वक्त में कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी पीएम नरेंद्र मोदी पर विभिन्न मुद्दों को लेकर हमलावर रहते हैं, ऐसे में ये टास्क फोर्स पार्टी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आजाद के अलावा इस टास्क फोर्स में प्रियंका गांधी वाड्रा, पवन कुमार बंसल, मुकुल वासनिक, श्रीनिवास और केसी वेणुगोपाल आदि शामिल हैं। वहीं जी-23 से कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी को इसमें जगह दी गई है।
आजाद
ने
भी
दिया
पार्टी
का
साथ
वहीं
कांग्रेस
हाईकमान
ने
कुछ
दिनों
पहले
जल्द
ही
अध्यक्ष
पद
का
चुनाव
करवाए
जाने
की
बात
कही
थी,
लेकिन
सोमवार
को
कोरोना
महामारी
के
चलते
इसे
स्थगित
कर
दिया
गया।
खास
बात
तो
ये
रही
कि
सालों
से
पार्टी
अध्यक्ष
पद
के
लिए
चुनाव
की
मांग
कर
रहे
गुलाम
नबी
आजाद
ने
भी
इस
स्थगन
के
फैसले
का
समर्थन
किया।
कांग्रेस का दावा- कोरोना से गुजरात में चली गई 2 लाख लोगों की जानें, भाजपा सरकार छिपा रही है आंकड़े
सोनिया
के
पास
ही
जिम्मेदारी
आपको
बता
दें
कि
राहुल
गांधी
ने
2019
में
लोकसभा
चुनाव
में
लगातार
दूसरी
बार
हार
के
बाद
कांग्रेस
अध्यक्ष
पद
से
इस्तीफा
दे
दिया
था।
जिसके
बाद
पार्टी
हाईकमान
ने
तय
किया
कि
जब
तक
नए
अध्यक्ष
का
चुनाव
नहीं
हो
जाता,
तब
तक
सोनिया
गांधी
अंतरिम
अध्यक्ष
बनी
रहेंगी।
इसके
बाद
कई
बार
चुनाव
का
माहौल
बना
लेकिन
पार्टी
ने
किसी
ना
किसी
बहाने
से
उसे
टाल
दिया।