सोनिया गांधी ने कोरोना वायरस, आर्थिक संकट और भारत-चीन तनाव के लिए सरकार के 'कुप्रबंधन' को ठहराया जिम्मेदार
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को भारत में आर्थिक संकट, कोरोना वायरस महामारी और भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ये सब सरकार के 'कुप्रबंधन' के कारण हो रहा है। उन्होंने कहा कि दुखद घटनाएं कभी अकेले नहीं आती हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने ये सब कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में कहा है। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट करके हुए कहा कि CWC में कर्नल संतोष बाबू और बाकी के सभी 19 शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। सभी सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखा।
Recommended Video
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सोनिया गांधी ने बैठक में क्या कुछ कहा है। उन्होंने ट्वीट में कहा, 'अब, चीन के साथ LAC पर पूर्ण संकट है। भविष्य का फैसला आगे आने वाला समय करेगा लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सरकार के द्वारा उठाए जाने वाले हर कदम परिपक्व कूटनीति व मजबूत नेतृत्व की भावना से निर्देशित होंगे।'
सोनिया गांधी ने कहा, 'हम सरकार से आग्रह करते हैं कि अमन, शांति और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पहले जैसी यथास्थिति की बहाली हमारे देश हित में एकमात्र मार्गदर्शक सिद्धांत होना चाहिए। हम स्थिति पर लगातार नजर बानए रखेंगे।' उन्होंने कहा कि 'वैश्विक बाजार में तेल की कीमतें गिर रही हैं लेकिन सरकार लगातार 17 दिनों तक पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाकर देश के लोगों पर पहले से लगी चोट और उसके दर्द को गहरा कर रही है।'
उन्होंने कहा कि 'कोरोना वायरस महामारी फरवरी में आई थी और कांग्रेस ने लॉकडाउन को लेकर सरकार को पूरा समर्थन दिया। लेकिन सरकार लॉकडाउन से होने वाले नुकसान का प्रबंधन करने के लिए तैयार नहीं थी। इससे 1947-48 के बाद सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी सामने आई। 13 करोड़ नौकरियां खत्म होने का अनुमान लगाया गया। स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में गंभीर कमियां उजागर हुई हैं। लोगों को वास्तव में अपनी स्वयं की रक्षा के लिए उनके हाल पर ही छोड़ दिया गया है। महामारी के कुप्रबंधन को मोदी सरकार की सबसे विनाशकारी विफलताओं में से एक के रूप में दर्ज किया जाएगा।'
कोरोना
इफेक्ट:
मूडीज
ने
घटाई
भारत
की
रेटिंग,
2020
में
GDP
में
आ
सकती
है
3.1
फीसदी
की
गिरावट