संसद में गूंजा JNU मामला, BSP-कांग्रेस ने की पुलिस कार्रवाई की जांच की मांग
नई दिल्ली। JNU के छात्रों द्वारा फीस वृद्धि के खिलाफ सोमवार को निकाले गए संसद मार्च का मामला गरमाता जा रहा है। मंगलवार को संसद में भी यह मामला उछला। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस नेता टीएन प्रथापन और बहुजन समाज पार्टी के नेता दानिश अली ने सोमवार को प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस निंदनीय घटना के लिए माफी मांगनी चाहिए।
कांग्रेस सांसद टीएन प्रथापन और बीएसपी के दानिश अली ने कहा कि पुलिस का दुरुपयोग कर छात्रों की आवाज को दबाया गया है। पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया जो कि निंदनीय है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि छात्र अपने हक की आवाज उठा रहे थे, लेकिन उनके साथ बर्बरता की गई। हालांकि, स्पीकर ओम बिड़ला ने उन्हें आगे बोलने से रोक दिया, क्योंकि शून्यकाल की कार्रवाई का विषय दूसरा था।
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उधर, दिल्ली पुलिस ने छात्रों पर बलप्रयोग की बात नकार रही है। खबरों के मुताबिक, पुलिस ने उन करीब 100 छात्रों को सिर्फ हिरासत में लिया जिन्होंने प्रदर्शन के दौरान निर्देशों का उल्लंघन किया। पुलिस की ओर से सोमवार को जारी बयान में भी इस बात का उल्लेख किया गया था कि छात्रों के कुछ ग्रुप आक्रामक हो रहे थे जिस वजह से उन्हें हिरासत में लिया गया।
वहीं जेएनयू के छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष ने मीडिया को संबोधित किया। संबोधन में उन्होंने पुलिसवालों पर आरोप लगाया कि उन्होंने प्लान के तहत छात्र संघ के चारों सदस्यों को अलग कर दिया। आईशी ने कहा कि पुलिसवालों ने संसद तक मार्च के दौरान लाइट बंद करके छात्रों पर लाठीचार्ज किया था। आईशी ने यह भी कहा कि यूनिवर्सिटी के वीसी उस तीन सदस्यों की कमिटी से भी मिलने को तैयार नहीं हैं जिसको मानव संसाधन मंत्रालय ने ही नियुक्त किया।