राफेल सौदा: CAG की रिपोर्ट पर कांग्रेस का पलटवार, कहा- खुल रही डील की क्रोनोलॉजी
नई दिल्ली: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने राफेल ऑफसेट से जुड़ी नीतियों को लेकर रक्षा मंत्रालय की आलोचना की है। इसी पॉलिसी के तहत भारत सरकार ने फ्रांस की एविएशन कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल जेट की डील की थी। अब कैग की रिपोर्ट का हवाला देकर कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है। साथ ही डील में अनियमितता का भी आरोप लगाया है। ये डील शुरूआत से ही कांग्रेस के निशाने पर रही है।
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कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने लिखा कि सबसे बड़े रक्षा सौदे की 'क्रोनोलॉजी' खुलना जारी है। नई कैग रिपोर्ट में स्वीकार किया गया है कि राफेल के ऑफसेट में 'प्रौद्योगिकी हस्तांतरण' हटाया गया है। पहले 'मेक इन इंडिया' 'मेक इन फ्रांस' बन गया। अब, डीआरडीओ को तकनीकी हस्तांतरण के लिए डंप किया गया, लेकिन मोदी जी कहेंगे की सब चंगा सी। कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी इस डील को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।
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ये
है
पूरा
मामला?
ऑफसेट
पॉलिसी
के
तहत
यह
शर्त
है
कि
किसी
भी
विदेशी
कंपनी
के
साथ
हुई
डील
की
कीमत
का
कुछ
हिस्सा
भारत
में
प्रत्यक्ष
विदेशी
निवेश
की
तरह
आना
चाहिए।
संसद
में
पेश
कैग
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक
समझौते
में
कहा
गया
था
कि
दसॉल्ट
अपनी
ऑफसेट
दायित्वों
में
से
30
प्रतिशत
दायित्वों
का
पालन
डीआरडीओ
को
उच्च
श्रेणी
की
तकनीक
देकर
पूरा
करेगा।
डीआरडीओ
को
हल्के
कॉम्बेट
जेट्स
के
लिए
(कावेरी)
इंजन
को
देश
में
ही
विकसित
करने
लिए
उनसे
तकनीकी
सहायता
चाहिए
थी,
लेकिन
आज
की
तारीख
तक
वेंडर
ने
इस
टेक्नोलॉजी
को
ट्रांसफर
करने
को
लेकर
कुछ
स्पष्ट
नहीं
किया
है।
इसी
पर
अब
राजनीति
शुरू
हो
गई
है।