किसानों से जुड़े बिल पास होने के खिलाफ विपक्षी दल राज्यसभा में धरने पर बैठे
नई दिल्ली। किसानों से जुड़े तीनों ही बिल को पहले लोकसभा और अब राज्यसभा में पास कर दिया गया। विपक्ष ने इन बिलों का जमकर विरोध किया और उपभापति के वेल तक में घुस गए। लेकिन इन तमाम विरोध प्रदर्शन के बीच बिल पर ध्वनि मत से वोटिंग हुई और इन तीनों ही बिलों को राज्यसभा में पास कर दिया गया। लेकिन तीनों ही बिलों के पास होने के बाद कांग्रेस और विपक्षी दलों ने इसके खिलाफ अपना प्रदर्शन किया। बिलों के पास होने के बाद राज्यसभा की कार्रवाई को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया, लेकिन कांग्रेस और विपक्ष राज्यसभा के भीतर ही प्रदर्शन कर रहे हैं और धरने पर बैठ गए हैं।
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बिल के पास होने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने इसपर खुशी जाहिर की है। जेपी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरार ने किसानों को अन्याय से आजादी दिलाई है, जिसे किसान पिछले 70 सालों से झेल रहे थे। विपक्षी दल किसान विरोधी हैं, इस प्रक्रिया का साथ देने के बजाए इन लोगों ने किसानों की आजादी में रोड़ा डालने की कोशिश की। जिस तरह से विपक्ष ने इन बिल का राज्यसभा में विरोध किया और इसे पास होने से रोकने की कोशिश की, वह बहुत ही गैरजिम्मेदाराना है और यह सीधे तौर पर लोकतंत्र पर हमला है।
नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने लोक सभा चुनाव 2019 के अपने घोषणापत्र में एपीएमसी व्यवस्था को खत्म करने की बात की थी जबकि इन विधेयकों के अनुसार MSP और APMC चलती रहेगी। मोदी सरकार तो किसानों को बेहतर विकल्प उपलब्ध करा रही है। आखिर राहुल गांधी और कांग्रेस किसानों को सशक्त होते देखना क्यों नहीं चाहते। कांग्रेस ने किसानों के सशक्तिकरण के लिए कभी कोई रिफॉर्म्स नहीं किया। उसके पास न इसके लिए सोच थी, न ही इच्छाशक्ति। किसानों और गरीबों को गुमराह कर राजनीति करने की कांग्रेस की पुरानी आदत रही है। कांग्रेस के दोहरे चरित्र से किसान वाकिफ हैं, वे अब उसके बहकावे में आने वाले नहीं हैं।
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