न्यूनतम आय योजना को लेकर कांग्रेस का नया ऐलान, 72 हजार रुपए पाने के लिए करना होगा ये काम
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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस प्रेसीडेंट राहुल गांधी ने बड़ा चुनावी वादा करते हुए देश के 20 फीसदी सबसे गरीब लोगों को न्यूनतम आय योजना के तहत हर साल 72 हजार रुपये देने का ऐलान किया है। मंगलवार को पार्टी ने न्यूनतम आय योजना को लेकर एक और बड़ी घोषणा कर दी। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर बताया कि न्यूनतम आय योजना के तहत दी जानेवाली 72 हजार रुपये की रकम सीधे घऱ की महिलाओं के खाते में डाले जाएंगे।
यह पैसा गृहिणियों के खाते में जमा किया जाएगा
प्रेस कॉन्फ्रेंस में योजना के बारे में बताते हुए सुरजेवाला ने कहा कि '20% गरीब परिवारों को हर साल 72,000 मिलेंगे। यह योजना महिला केंद्रित है, यह पैसा गृहिणियों के खाते में जमा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह योजना शहरी और ग्रामीण दोनों गरीबों के लिए लागू की जाएगी। उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह बताएं कि वह इसके पक्ष में हैं या विरोध में? क्योंकि आपके मंत्री इसका विरोध कर रहे हैं।
यह टॉप-अप स्किम नहीं है, यह महिला केंद्रित योजना है
सुरजेवाला ने आरोप लगाया, 'मोदी जी और बीजेपी हमेशा गरीबों के खिलाफ खड़े रहे हैं। नरेंद्र मोदी, गरीब विरोधी हैं। सुरजेवाला ने दावा किया कि कांग्रेस सरकारों ने स्वतंत्रता के बाद भारत की गरीबी को 70% से घटाकर 22% कर दिया। उन्होंने कहा कि हम शेष भारत में 22% गरीबी को दूर करने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा यह टॉप-अप स्किम नहीं है। यह महिला केंद्रित योजना है और पैसा घर की महिला के खाते में जमा होगा। सुरजेवाला ने कहा कि यह योजना पूरे देश के गरीबों पर लागू होगी।
पीएम मोदी को भारत के गरीबों को 72,000 देना में तकलीफ हो रही है
सुरजेवाला ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी मुट्ठी भर व्यापारियों का 3,50,000 करोड़ रुपए माफ कर सकते हैं, लेकिन भारत के गरीबों के लिए ,72,000 देना उनके लिए तकलीफ हो रही है।। पाखंड और ढोंग का लबादा पहने मोदी जी को देश को बताएं कि 89 विदेश दौरों पर देश का 2010 करोड़ और अपने प्रचार प्रसार पर 5000 करोड़ तो खर्च कर सकते हैं लेकिन गरीब परिवार को 72,000 देने में पीड़ा क्यों हैं। प्रधानमंत्री बनते ही मोजी जी ने संसद में पहले ही भाषण में गरीबी को कुचलने वाली मनरेगा के विरोध किया। मोदी जी, आपके द्वारा थोपी गयी जीएसटी ने छोटे उद्योगों को बर्बाद कर दिया औऱ करोड़ों लोगों की नौकरियां छीन लीं।