'वार एंड पीस' पर पूछे गये कोर्ट के सवाल पर रमेश का तंज, 'न्यू इंडिया में स्वागत है'
मुंबई। एल्गार परिषद-भीमा कोरेगांव मामले की सुनवाई के दौरान टॉल्सटाय के उपन्यास 'वार ऐंड पीस' पर बॉम्बे हाई कोर्ट के सवाल को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने तंज कसा है। जयराम रमेश ने बृहस्पतिवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि यह वाकई अजीबोगरीब है कि बॉम्बे हाई कोर्ट के एक जज पूछ रहे हैं कि उनके पास टॉल्सटाय की 'वार एंड पीस' की प्रति क्यों है? यह सही मायने में क्लासिक है।
रमेश ने ट्वीट कर कहा कि यह वाकई अजीबो-गरीब है कि बंबई उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश पूछ रहे हैं कि उनके पास टॉल्सटाय की वार एंड पीस की प्रति क्यों है। यह सही मायनो में क्लासिक है। सोचिए कि टॉल्सटाय से महात्मा गांधी बहुत प्रभावित थे। न्यू इंडिया में स्वागत है। इससे पहले कोर्ट में सारंग कोतवाल की पीठ ने गोन्जाल्विस और अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि ऐसी किताबेंऔर सीडी पहली नजर में संकेत देते हैं कि वे राज्य के खिलाफ कुछ सामग्री रखते थे।
दअरसल, बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को एल्गार परिषद-भीमा कोरेगांव मामले के आरोपी गोन्जाल्विस से यह बताने को कहा कि उन्होंने अपने घर पर लियो टॉल्सटाय की किताब वार एंड पीस और कुछ सीडी जैसी आपत्तिजनक सामग्री क्यों रखी थी। मामले की जांच कर रही पुणे पुलिस ने दावा किया कि यह एक साल पहले मुंबई में गोन्जाल्विस के घर पर छापे के दौरान जब्त बेहद भड़काऊ साक्ष्यों में से एक है।
वार एंड पीस मशहूर साहित्यकार लियो टॉल्सटाय की मशहूर रचना है, जो उनकी क्लासिक रचनाओं में से एक है। इसकी रचना 1869 में की गयी थी। इस उपन्यास में 1,225 पृष्ठ हैं। इस उपन्यास में पात्रों की संख्या सैकड़ों में है। बावजूद इसके लेखक ने सभी पात्रों के साथ न्याय किया है और वे सभी को साथ लेकर उपन्यास रचते हैं। इस उपन्यास में नेपोलियन बोनापार्ट के रूस अभियान को चित्रित किया गया है।
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