हरियाणा बीकेयू प्रमुख का विवादित बयान; कहा- अगर दिल्ली पुलिस गिरफ्तार करने आए तो उसका घेराव करो
हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख गुरनाम सिंह चादुनी ने किसानों से कहा है कि यदि पुलिस आपको गिरफ्तार करने के लिए आपके गांव आती है तो उनका घेराव करो।
नई दिल्ली। हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने किसानों से कहा है कि यदि पुलिस आपको गिरफ्तार करने के लिए आपके गांव आती है तो उनका घेराव करो। मालूम हो कि गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रै्क्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई का जिक्र करते हुए, गुरनाम सिंह चादुनी ने यह विवादित टिप्पणी की।
उन्होंने लोगों से पुलिसकर्मियों को बंधक बनाने को कहा। एक वीडियो संदेश में, गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि अगर दिल्ली पुलिस के जवान छापेमारी करते हैं और किसी को भी पकड़ने आते हैं, तो उनका घेराव करें, उनके चारों तरफ बैठ जाएं और पूरे गांव और पड़ोस को सूचित कर दें। खबरों के अनुसार गुरनाम ने ग्रामीणों से यह भी कहा कि पुलिसकर्मियों को तब तक न छोड़ें जब तक प्रशासन इस बात का भरोसा न दे कि दिल्ली पुलिस दोबारा गांव और जिलों में दाखिल नहीं होगी। उन्होंने लोगों को पुलिसवालों को बंधक बनाकर उनपर हाथ न उठाने को भी कहा। उन्होंने कहा कि, 'मैं यह भी निवेदन करना चाहूंगा कि यदि दिल्ली पुलिस के किसी भी जवान को घेर लिया जाता है, तो किसी को उन पर हाथ उठाने की जरूरत नहीं है, उनका अच्छी तरह से ध्यान रखा जाना चाहिए और भोजन की पेशकश की जानी चाहिए।
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लेकिन जिला प्रशासन के मौके पर पहुंचने तक उन्हें छोड़ना नहीं चाहिए।' चढ़ूनी ने कहा, 'हमें यह कार्रवाई करनी होगी क्योंकि दिल्ली पुलिस से निपटने के लिए कोई अन्य विकल्प नहीं है। इस तरह की ज्यादती बर्दाश्त नहीं की जाएगी।' गौरतलब है कि 26 जनवरी को दिल्ली में किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा भड़काने के लिए जिम्मेदार किसान प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पुलिस उनके गांव और जिलों में अभियान चला रही है। उनके घर नोटिस भी भिजवाए जा रहे हैं।
इसको लेकर चढ़ूनी ने लोगों से कहा है कि उन्हें किसी भी नोटिस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है, अगर वे गांव में दाखिल होते हैं तो उनको घेर लिया जाए। वहीं बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत द्वारा पंजाब और हरियाणा में कृषि बिल को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए की जा रहीं महापंचायतों पर चादुनी ने कहा कि इन दो राज्यों में महापंचायत करने की कोई आवश्यकता नहीं हैं क्योंकि यहां के किसान कृषि कानूनों से जुड़े मुद्दों के प्रति पहले से ही जागरूक हैं।