Chicken Neck: जानिए, कितने खतरनाक थे शरजील इमाम के इरादे? बोला, 'मैं बहक गया था!'
बेंगलुरू। नागरिकता संशोधन कानून की विरोध की आड़ में देश विरोधी भाषण देने वाले आईटीटी मुंबई ग्रेजुएट और मौजूदा जेएनयू स्कॉलर शरजील इमाम के मंसूबे कितने खतरनाक थे, इसका खुलासा खुद शरजील अहमद ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम से किए गए पूछताछ में कबूल किया है। क्राइम ब्रांच से किए कबूलनामें में शरजील अपने सारे अपराध कबूले और अंत में उनसे कहा कि वह बहक गया था।
अलीगढ़, दिल्ली और पटना जैसे बड़े शहरों में देश विरोधी भाषणों के जरिए लोगों को भड़काने के मामले में गिरफ्तार किए गए शारजील इमाम के किए खुलासे के मुताबिक उसके टारगेट में अब छोटे शहर थे, जहां वह ऐसे ज्वलनशील भाषणो के जरिए युवाओं को बरगलाने की कोशिश करना चाहता था। शारजील के कबूलनामे से दंग दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच अब उसके इस्लामिक यूथ फेडरेशन और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से कनेक्शन में जुट गई है।
गौरतलब है राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में सीएए के विरूद्ध जारी धरने के बीच सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने लोगों का ध्यान गया। देखते ही देखते ही यह वीडियो वायरल हो गया। वीडियो में देशविरोधी भाषण देने वाले शारजील इमाम की जल्द पहचान हो गईं, क्योंकि जामिया हिंसा के दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान के एक वीडियो में शारजील इमाम दिखा था। वायरल वीडियो में शारजील इमाम ने भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम को देश से अलग करने' की बात कह रहा था।
वायरल वीडियो में दिए भाषण में शारजील इमाम कहते सुना गया कि असम को भारत के शेष हिस्से से काटना चाहिए और सबक सिखाना चाहिए, क्योंकि वहां बंगाली हिंदुओं और मुस्लिम दोनों की हत्या की जा रही है या उन्हें निरोध केंद्रों में रखा जा रहा है। देशविरोधी भाषण में उसने यह भी कहा कि अगर वह पांच लाख लोगों को एकत्रित कर सकें।
शरजील इमाम के मुताबिक असम को भारत के शेष हिस्से से स्थायी रूप से अलग किया जा सकता है और अगर स्थायी रूप से नहीं तो कम से कम कुछ महीनों तक तो किया ही जा सकता है। शारजील के देशविरोधी वायरल वीडियो के बाद दिल्ली समेत कई शहरों में शरजील के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और बिहार के जहानाबाद जिले में उसके गांव में छापेमारी भी गई और जल्द ही शरजील गिरफ्तार कर लिया गया।
जहानाबाद से गिरफ्तारी के बाद दिल्ली लाए शरजील को कोर्ट में पेश किया गया और दिल्ली पुलिस ने रिमांड मिलने के बाद उससे पूछताछ शुरू की। कबूलनामे में शारजील ने कहा कि वह घोर कट्टरपंथी है। पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि शरजील इमाम भारत को एक इस्लामिक राज्य के रूप में देखना चाहता है।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच अधिकारियों के सामने किए कबूलनामे में शारजील इमाम ने यह भी माना है कि उसके अलग-अलग भाषणों के वीडियो के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है और वीडियो में कही गई देशविरोधी बातें उसके द्वारा ही कहीं गई हैं। हालांकि अपने बचाव में उसने कहा कि वह बहक गया था।
शारजील के कबूलनामे सुनकर दिल्ली पुलिस के क्राइन ब्रांच अधिकारियों के होश उड़ गए। अब क्राइन ब्रांच शारजील इमाम के नेटवर्क और कट्टरपंथी संगठनों से उसके लिंक की पड़ताल में जुट गई है। दिल्ली पुलिस सूत्र के मुताबिक, शरजील को अपनी गिरफ्तारी पर कोई पछतावा नहीं है।
दिल्ली पुलिस ने उसके दिल्ली, अलीगढ़ और पटना में दिए गए सभी वीडियो के फोरेंसिक जांच के लिए लैब में भेजे दिए हैं। दिल्ली पुलिल अब शारजील के सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच कर रही है उसके इस्लामिक यूथ फेडरेशन और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के साथ शरजील इमाम के कनेक्शन की जांच में जुट गई है।
उल्लेखनीय है दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की हिरासत में मौजूद शरजील इमाम को देशद्रोह के आरोप में बुधवार, 29 जनवरी को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया था और अदालत ने उसे 5 दिनों के लिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को पूछताछ के लिए हिरासत में भेज दिया था।
इससे पहले, गत 28 जनवरी को शारजील इमाम को बड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने बिहार के जहानबाद जिले के उसके पैतृक घर से गिरफ्तार करने में सफलता पाई थी, जहां वह अलग-अलग घरों में कई दिनों से पुलिस से बचने के लिए छिपकर रह रहा था।
जहानाबाद से गिरफ्तारी के बाद शरजील को वहां एक अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद उसे ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया था। दिल्ली पुलिस ने वीडियो वारयल होने के बाद शरजील के खिलाफ 25 जनवरी को मामला दर्ज किया था। हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद अलीगढ़ और पटना समेत कई शहरों में शारजील के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया गया था।
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तत्काल प्रभाव से शरजील इमाम जैसे कीड़ों को खत्म कर दें सरकारः शिवसेना
शिवसेना ने अपने मुख पत्र में जेएनयू के छात्र शरजील इमाम की देशद्रोह के मामले में बिहार से गिरफ्तारी पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई का समर्थन करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सलाह दी है कि वह तत्काल प्रभाव से शरजील इमाम जैसे कीड़ों को खत्म कर दें। मुखपत्र के संपादकीय में लिखा कि शरजील इमाम ‘चिकन नेक' पर कब्जा कर भारत को विभाजित करना चाहता है। ऐसे में उसके हाथ काट कर चिकन नेक हाई-वे पर रख देना चाहिए ताकि लोग उसे देखकर सबक ले सके।
शरजील इमाम जैसे लोगों से दिल्ली चुनाव में भाजपा को लाभ मिलेगा
शिवसेना ने संपादकीय में लिखा है कि शरजील इमाम के बयान से देश भर में सीएए के खिलाफ चल रहे शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शनों को बड़ा धक्का लगा है। नए नागरिकता कानून के विरोध में देश भर में धरना-प्रदर्शन चल रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी ने भी देश विरोधी एक भी बयान नहीं दिया है। जेएनयू छात्र का बयान न सिर्फ भड़काऊ है, बल्कि देश विरोधी भी है। शरजील इमाम जैसे लोग बीजेपी को दिल्ली चुनाव से पहले खाद-पानी उपलब्ध करा रहे हैं।
असदुद्दीन ओवैसी बोले, ऐसे बयान बर्दाश्त करने के लायक नही!
शरजील इमाम के विवादास्पद और देशविरोधी बयान पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत कई नेताओं के बयान आया है। औवैसी ने शरजील इमाम के बयान की निंदा करते हुए कहा कि ऐसे बयान बर्दाश्त करने के लायक नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि भारत कोई मुर्गी की गर्दन नहीं है जो टूट या अलग हो जाए। ये एक राष्ट्र है। कोई भी भारत या किसी भी क्षेत्र को नहीं तोड़ सकता।
शारजील को जेल में डाले वरना यह बीजेपी की साजिश माना जाएगीः सिसोदिया
आप विधायक अमानतुल्ला खान के साथ वीडियो में दिखे शरजील इमाम पर सियासी बयान देत हुए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है कि ऐसे बयान देने वाले व्यक्ति को बीजेपी जेल में डाले, वरना यह माना जाएगा कि बीजेपी की साजिश के तहत शरजील इमाम ने देशविरोधी बयान दिया है।
कैसे मान लूं कि शरजील का खून यहां की मिट्टी में शामिल हैः गिरिराज सिंह
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शरजिल को गद्दार करार दिया है। उन्होंने बाकायदा ट्वीट करके कहा, 'ये कहते है सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में, किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है। इन गद्दारों की बात सुनकर कैसे मान लूं कि इनका खून शामिल है यहां की मिट्टी में? कह रहा है असम को काट कर हिंदुस्तान से अलग कर देंगे।'
केंद्रीय मंत्री रामदास अठवाले बोले, 'गुंडागर्दी का केंद्र बन गया है जेएनयू'
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने जेएनयू छात्र शरजील इमाम के बयान पर टिप्पणी देते हुए कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षा का केंद्र रहा है, लेकिन अब गुंडागर्दी का केंद्र बन गया है। उन्होंने जेएनयू विश्वविद्यालय प्रशासन को भी ऐसे छात्र पर कार्रवाई करने की अपील करते हुए कहा कि शरजील ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से इतिहास में पीएचडी किया है, लेकिन उसका व्यवहार देशद्रोही जैसा है।
भारत की संप्रभुता में बाधा डालने बर्दाश्त नहीं किया जाएगाः पेमा खांडू
असम को भारत से काटने जैसे विवादित बयान के बाद अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि इस तरह के भड़काऊ बयान जिसमें भारत के बाकी हिस्सों से असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों को अलग करने की बात कही गई है, के जरिए सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करना, भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता में बाधा डालना है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
CM एन.बिरेन सिंह ने शरजील इमाम के देशविरोधी बयान की निंदा की
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन.बिरेन सिंह ने भी ट्वीट कर शरजील इमाम के देशविरोधी बयान की निंदा की है। एक ट्वीट के जरिए उन्होंने बताया कि आपत्तिजनक वीडियो पर संज्ञान लेते हुए मणिपुर पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत राजद्रोह का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया है।
शरजील इमाम ने जेएनयू से किया है एम फिल और पीएचडी
शरजील इमाम बिहार के जहानाबाद का रहने वाला है। शरजील इमाम ने IIT बॉम्बे से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। बताया जाता है कि शरजील ने कुछ दिनों तक वहां पढ़ाया भी है। ग्रेजुएशन के बाद दो साल तक उसने बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में डेवलपर के तौर पर काम किया। 2013 में जेएनयू में आधुनिक इतिहास में मास्टर्स करने के लिए प्रवेश किया है। इसके बाद उसने एम फिल और फिर पीएचडी भी किया।
बिहार के जहानाबाद जिले में अपने पैतृक घर से गिरफ्तार हुआ शरजील
जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने को लेकर मंगलवार (28 जनवरी) को बिहार के जहानाबाद से उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। शरजील कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में राजद्रोह का मामला दर्ज किये जाने के बाद से फरार था। शरजील को यहां एक अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद उसे ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया। दिल्ली पुलिस ने शरजील के खिलाफ 25 जनवरी को मामला दर्ज किया था।
असम समेत पूरे देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाना चाहता है शारजिल
16 जनवरी के एक ऑडियो क्लिप में इमाम को यह कहते हुए सुना गया कि असम को भारत के शेष हिस्से से काटना चाहिए और सबक सिखाना चाहिए क्योंकि वहां बंगाली हिंदुओं और मुस्लिम दोनों की हत्या की जा रही है या उन्हें निरोध केंद्रों में रखा जा रहा है। उसने यह भी कहा था कि अगर वह पांच लाख लोगों को एकत्रित कर सकें, तो असम को भारत के शेष हिस्से से स्थायी रूप से अलग किया जा सकता है। अगर स्थायी रूप से नहीं तो कम से कम कुछ महीनों तक तो किया ही जा सकता है।
शरजील इमाम के अगले टारगेट में थे भारत के छोटे-छोटे शहर
दिल्ली, अलीगढ़ और पटना समेत बड़े शहरों में देश विरोधी भाषण को लेकर सुर्खियों में आए शरजील इमाम की मंशा अब छोटे शहरों में लोगों को भड़काने की थी। उसका अगला कदम जिलों में सीएए और एनआरसी के नाम पर चल रहे धरना-प्रदर्शन में पहुंचना था। इससे पहले कि वह जिलों में लोगों की भावनाओं को भड़काने का काम करता वीडियो वायरल हो गया और गिरफ्तारी से बचने के लिए उसे गांव भागना पड़ा।
देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार शरजील इमाम को दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार (29 जनवरी) को 5 दिनों के लिए दिल्ली पुलिस अपराध शाखा (क्राइम ब्रांचः की हिरासत में भेज दिया। इमाम को कड़ी सुरक्षा के बीच शाम को मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक के आवास पर पेश किया गया।
संबित पात्रा ने शेयर किया था शरजील इमाम का विवादत वीडियो
CAA को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें शरजील इमाम असम को इंडिया से अलग करने की बात कर रहा है। शरजील इमाम ने अलीगढ़ में ये विवादित बयान देते हुए कहा, असम को इंडिया से काट कर अलग करना हमारी जिम्मेदारी, Chicken Neck मुसलमानों का है, इतना मवाद डालो पटरी पे की इंडिया की फौज असम जा ना सके, सारे गैर-मुसलमानों को मुसलमानों के शर्त पर ही आना होगा।'इसके अलावा शरजील इमाम का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में शरजील इमाम, AAP विधायक अमानतुल्लाह खाल के साथ नजर आ रहा है।
क्या कहती है देशद्रोह की धारा 124ए ?
देश के खिलाफ बोलना, लिखना या ऐसी कोई भी हरकत जो देश के प्रति नफरत का भाव रखती हो वो देशद्रोह कहलाएगी। अगर कोई संगठन देश विरोधी है और उससे अंजाने में भी कोई संबंध रखता है या ऐसे लोगों का सहयोग करता है तो उस व्यक्ति पर भी देशद्रोह का मामला बन सकता है। अगर कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक तौर पर मौलिक या लिखित शब्दों, किसी तरह के संकेतों या अन्य किसी भी माध्यम से ऐसा कुछ करता है। जो भारत सरकार के खिलाफ हो, जिससे देश के सामने एकता, अखंडता और सुरक्षा का संकट पैदा हो तो उसे तो उसे उम्र कैद तक की सजा दी जा सकती है। देश द्रोह कानून 149 साल पहले भारतीय दंड संहिता में जोड़ा गया।
2014 से 2016 के दौरान देश में देशद्रोह के कुल 112 मामले दर्ज हुए
2014 से 2016 के दौरान देशद्रोह के कुल 112 मामले दर्ज हुए। करीब 179 लोगों को इस कानून के तहत गिरफ्तार किया गया। देशद्रोह के आरोप के 80 फीसदी मामलों में चार्जशीट भी दाखिल नहीं हो पाई। सिर्फ 2 लोगों को ही सजा मिल पाई।
कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ दर्ज हुआ राजद्रोह का केस
गुजरात में पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग करने वाले कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ भी राजद्रोह का केस दर्ज हुआ था और जमानत पर बाहर थे। अभी हाल में गुजरात पुलिस ने हार्दिक को गिरफ्तार किया था और एक हफ्ते तक पुलिस हिरासत में रहने के बाद वह रिहा हुए हैं।
जेएनयू में देश विरोधी नारे के लिए कन्हैया कुमार पर दर्ज हुआ राजद्रोह केस
संसद हमले के दोषी आंतकी अफजल गुरू की पहली बरसी पर जेएनयू में भारत विरोधी नारे लगाने और गतिविधि के लिए दिल्ली पुलिस ने जेएनयूएसयू के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उनके साथी उमर खालिद समेत 7 लोगों के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया था, लेकिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अभी तक मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी है। उस दौरान नारे लगे थे, भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशाअल्लाह, इंशाअल्लाह।
दो साल में राजद्रोह के मामले भारत दोगुने हो गए हैंः NCRB
2018 नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी NCRB ने साल 2018 के आंकड़े के मुताबिक, दो साल में राजद्रोह के मामले दोगुने हो गए हैं। 2016 में ये आंकड़ा 35 था, वो 2018 में बढ़कर 70 हो गया। राजद्रोह के मामले में झारखंड लिस्ट में 18 केस के साथ पहले नंबर पर है। इसके अलावा असम दूसरे नंबर पर है, जहां 17 मामलों में 27 लोगों पर दर्ज केस हुए। जम्मू-कश्मीर में 2018 में 12 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि 2017 में राजद्रोह का एक ही केस दर्ज किया गया था। साथ ही केरल में नौ, मणिपुर में चार केस दर्ज हुए हैं।