जामिया हिंसा पर दिल्ली पुलिस के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में राजधानी के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में हिंसक विरोध प्रदर्शन देखने को मिले। इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच झड़प भी देखी गई। पुलिस ने हिरासत में लिए 50 छात्रों को रिहा कर दिया है। जिसके बाद पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन खत्म हो गया है। अब इस मामले में दिल्ली पुलिस के खिलाफ भी शिकायत दर्ज हो गई है।
छात्रों को रिहा किया गया
ये शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में दर्ज हुई है। कैंपस में सोमवार सुबह से सन्नाटा पसरा हुआ है। विश्वविद्यालय में छुट्टी की घोषणा होने के बाद छात्र अपने-अपने घरों की ओर जा रहे हैं। पुलिस ने कालकाजी पुलिस स्टेशन से 35 छात्रों को छोड़ा, जबकि फ्रेंड्स कॉलोनी से 15 छात्रों को रिहा किया है।
वीसी ने क्या कहा?
विश्वविद्यालय द्वारा जारी वीडियो में वीसी नजमा अख्तर ने कहा, 'छात्रों के साथ हुए व्यवहार से मैं दुखी हूं। मैं अपने छात्रों को यह बताना चाहती हूं कि इस कठिन लड़ाई में वे अकेले नहीं हैं, मैं और पूरी जामिया कम्युनिटी उनके साथ है। मैं इस मामले को आगे तक लेकर जाऊंगी। ये कतई स्वीकार्य नहीं है जिस तरह से पुलिस विश्वविद्यालय में दाखिल हुई। छात्र उस वक्त लाइब्रेरी में पढ़ रहे थे।'
प्रदर्शनकारियों ने बसों में आग लगाई
बता दें नागिकता संशोधन बिल (CAB) और नागरिकता संशोधन विधेयक (NRC) के विरोध में रविवार को हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। दक्षिणी दिल्ली की सड़कों पर काफी हिंसा देखने को मिली। पुलिस ने बताया कि जब प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में तोड़फोड़ की और उनपर पत्थरबाजी की तो उन्हें भी लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कम से कम 4 बसों को आग के हवाले कर दिया।
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