क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

नेताजी की विरासत को झपटने के लिए भाजपा-तृणमूल में होड़

Google Oneindia News
नेताजी की विरासत को झपटने के लिए भाजपा-तृणमूल में होड़

पश्चिम बंगाल के चुनाव में इस बार नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की विरासत को लेकर जंग छिड़ गयी है। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस में नेताजी को अपना बताने की जबर्दस्त होड़ चल रही है। भाजपा ने नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया है तो दूसरी तरफ ममता बनर्जी ने नेता जी के आदर्शों को जिंदा रखने के लिए 'जय हिंद वाहिनी’ का गठन करने वाली है। तृणमूल को सरकार बचानी है तो भाजपा को सरकार बनानी है। दोनों को नेताजी के नाम में असीम संभावनाएं दिख रही हैं।

नेताजी के नाम पर

नेताजी के नाम पर

राज्य सरकार इस बार नेता जी की जयंती धूमधाम से मना रही है। इससे जुड़े कार्यक्रम 2022 तक चलेंगे। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेताजी के विचारों में आत्मनिर्भर भारत के सिद्धांत को खोज निकाला है। उन्होंने बंगाल को आत्मनिर्भर भारत अभियान से जोड़ कर स्थायी राजनीति की गुंजाइश निकाल ली है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस बंगाल के लोगों के दिल में बसे हुए हैं। आस्था इतनी गहरी है कि राजनीति के बंधन ढीले पड़ जाते हैं। किसी भी दल से जुड़े लोग हों वे नेताजी को दिलोजान से चाहते हैं। भारत की राजनीति में नेताजी की विरासत का असली वारिस कौन है ? नेताजी ने फॉरवर्ड ब्लॉक पार्टी बनायी थी। कुछ साल तक वह वाम मोर्चा में घटक दल बनी रही। अब हाशिये पर है। नेताजी के परिवार के लोग कांग्रेस, तृणमूल और भाजपा की राजनीति से जुड़े रहे। यानी नेता जी की विरासत किसी एक दल के पास कभी नहीं रही। इसलिए 2021 के चुनाव में भाजपा और तृणमूल ने नेताजी का भवनात्मक मुद्दा जोर-शोर से उछाल रखा है।

नेताजी के परिजनों का राजनीतिक जुड़ाव

नेताजी के परिजनों का राजनीतिक जुड़ाव

नेताजी द्वारा स्थापित फॉरवर्ड ब्लॉक अब मृतप्राय है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस अपने भतीजे शिशिर कुमार बोस ( नेताजी के भाई शरतचंद्र बोस के पुत्र) को बहुत मानते थे। जब नेता जी को अंग्रेजों ने कोलकाता स्थिति घर में नजरबंद कर दिया था तो शिशिर कुमार बोस ने ही उन्हें विदेश भागने में मदद की थी। शिशिर ने अंग्रेजों से नजर बचा कर खुद कार चला कर नेताजी को गोमो स्टेशन (तब बिहार,अब झारखंड) तक पहुंचाया था। जहां से वे वेष बदल कर ट्रेन के जरिये पेशावर पहुंचे थे। शिशिर कुमार बोस भारत के विख्यात डॉक्टर थे। उन्होंने कोलकाता और लंदन से डॉक्टरी की पढ़ाई की थी। जब उन्होंने राजनीति पारी शुरू की तो कांग्रेस को चुना। शिशिर कुमार बोस 1982 में कांग्रेस के टिकट पर कोलकाता के चौरंगी से विधायक चुने गये थे। शिशिर कुमार बोस की पत्नी कृष्णा बोस 1996 में जादवपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस की सांसद बनी थीं। इसके बाद कृष्णा बोस तृणमूल कांग्रेस से जुड़ गयीं। 1998 और 1999 में वे तृणमूल के टिकट पर जादवपुर से लोकसभा के लिए चुनी गयीं। शिशिर बोस और कृष्णा बोस के पुत्र सुगत राय 2014 में जादवपुर से तृणमूल के टिकट पर सांसद चुने गये थे। 2019 में जब सुगत राय ने चुनाव नहीं लड़ा तो इस पर खूब राजनीति हुई।

जानिए पश्चिम बंगाल में अमित शाह के एक महापुरुष की मूर्ति पर माल्‍यार्पण करने से क्‍यों छिड़ा विवाद, TMC ने लगाया ये आरोपजानिए पश्चिम बंगाल में अमित शाह के एक महापुरुष की मूर्ति पर माल्‍यार्पण करने से क्‍यों छिड़ा विवाद, TMC ने लगाया ये आरोप

कांग्रेस विरोधी नेताजी के परिजन

कांग्रेस विरोधी नेताजी के परिजन

अमियनाथ बोस भी नेताजी के भाई शरतचंद्र बोस के पुत्र थे। अमिय बोस को भी नेताजी को बहुत मानते थे। नेताजी ने अमिय बोस को ही 1939 में वो चर्चित पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू के रवैये पर नाखुशी जतायी थी। अमिय बोस नेताजी के इतने करीब थे कि कांग्रेस ने उनकी जासूसी करायी थी। कांग्रेस को डर था कि अगर नेताजी जीवित हैं और वे कहीं आजाद भारत की राजनीति में आ गये तो उसकी राजनीति खत्म हो जाएगी। इसलिए नेताजी का सुराग पाने के लिए अमिय बोस के पीछे भेदिये लगाये गये थे। अमिय नाथ बोस कांग्रेस के कट्टर विरोधी थे। वे 1967 में आरामबाग सीट से फॉरवर्ड ब्लॉक के टिकट पर सांसद चुने गये थे। अमिय बोस के पुत्र चंद्र कुमार बोस ने लंदन से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की है। आइआइएम कोलकाता से पीजी डिप्लोमा किया है। चंद्र कुमार बोस ने 2016 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर कोलकाता दक्षिण से चुनाव लड़ा था। लेकिन तृणमूल की माला राय से हार गये थे।

भाजपा नेता सुवेंदु बोले- नंदीग्राम में भाजपा ही जीतेगी, वहां लाखों लोग जय श्री राम का जाप करते हैंभाजपा नेता सुवेंदु बोले- नंदीग्राम में भाजपा ही जीतेगी, वहां लाखों लोग जय श्री राम का जाप करते हैं

क्या सोचते हैं लोग ?

क्या सोचते हैं लोग ?

नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज की वीरगाथा पर आम बंगाली गर्व की अनुभूति करता है। बंगाल के अधिकतर लोगों का मानना है कि नेताजी की विमान दुर्घटना में मौत नहीं हुई थी। इसलिए नेताजी के प्रति आस्था में सहानुभूति भी समाहित है। आजादी के पहले कांग्रेस ने नेताजी के साथ अच्छा सुलूक नहीं किया था। आम लोगों का मानना है कि अगर नेता जी को 1939 में कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाता तो राजनीति की दिशा कुछ और होती। कांग्रेस के कारण ही नेताजी को आजाद हिंद फौज बनाने की जरूरत पड़ी। आरोप है कि आजादी के बाद भी कांग्रेस ने नेताजी के साथ अच्छा नहीं किया। 1952 में नेताजी की पत्नी एमिली शेंकल ने ऑस्ट्रिया से अपने भतीजे शिशिर कुमार बोस (कोलकाता) को एक चिट्ठी लिखी थी। इस पत्र में नेता की पत्नी ने अपनी बेटी अनिता बोस की पढ़ाई-लिखाई के बारे में लिखा था। लेकिन आइबी के अफसरों ने इसे चोरी-चुपके पढ़ लिया था। उस समय नेताजी के परिजनों की जासूसी करायी जा रही थी। आम बंगाली यह समझता है कि नेताजी के योगदान को इतिहास में उस रूप में नहीं दिखाया गया है जिसके वे हकदार थे।

किस दल को फायदा ?

किस दल को फायदा ?

अब नेताजी को इतिहास में उचित सम्मान दिलाने के लिए राजनीतिक रस्साकशी शुरू हो गयी है। नेताजी के परिजन भी राजनीतिक दिशा को लेकर बंटे हुए है। नेताजी के दो प्रपौत्र अगल-अलग दलों से जुड़े हैं। सुगत बोस ममता बनर्जी की तरफ हैं तो चंद्र कुमार बोस भाजपा की तरफ। जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोलकाता में नेताजी को नमन करने उनके पैतृक आवास पर गये तो सुगत राय ने कहा था कि उन्हें पीएम के आने की पहले से कोई जानकारी नहीं थी। सुगत राय ने पीएम से आग्रह किया था कि वे अपने साथ किसी राजनीतिक व्यक्ति को नहीं लाएं। दूसरी तरफ चंद्र कुमार बोस बिल्कुल भाजपा के रंग में रंगे हुए हैं। उन्होंने कहा था, जय श्रीराम पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया सही नहीं थी। इस चुनाव में नेताजी के नाम से किस दल को फायदा मिलेगा ? ये कुछ समय बाद ही पता चलेगा।

Comments
English summary
Competition in BJP-Trinamool to grab netaji subhash chandra bose
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X