बलिया में 10 जुलाई तक के लिए पूर्ण लॉकडाउन, सिर्फ आवश्यक सेवाओं की अनुमति
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के बलिया शहर में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए पूर्ण लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है। दरअसल बलिया में पिछले कुछ दिनों में एक साथ कोरोना संक्रमण के 40 मामले सामने आए थे, जिसके बाद यहां 3 जुलाई से लेकर 10 जुलाई तक के लिए प्रशासन ने पूर्ण लॉकडाउन कर दिया है। इस दौरान जरूरी सेवाओं के अलावा किसी भी चीज की अनुमति नहीं होगी। आज रात 10 बजे से ही यह लॉकडाउन प्रभावी हो जाएगा।
ये इलाके थे कंटेनमेंट जोन में
लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं दवा, किराना आदि को ही अनुमति दी गई है। इसके अलावा सबकुछ प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस दौरान बेसिक शिक्षा के स्कूल खुलेंगे, लेकिन छात्रों का आना प्रतिबंधित रहेगा। दरअसल बुधवार को बलिया में दो कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लोगों के घर-घर जाकर सर्वे शुरू किया और संदिग्ध लोगों का सैंपल लिया जाएगा। डीएम ने बताया कि शहर के 15 मुख्य इलाके रामपुर, तिखमपुर, बहेरी, चंद्रशेखरनगर, माल्देपुर, महावल, हैबतपुर, परमंदापुर, निधरिया, जेपी नगर नी बस्ती, जिराबस्ती, परिखरा, तिखमपुर, बहादुरपुर, अमृतपाली, ओझा के छपरा और सरसपाली को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था। इन तमाम इलाकों में कोरोना के मामलों को देखते हुए पूरे बलिया में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया।
पिछले 24 घंटों में यूपी में 817 नए मामले
बता दें कि पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड सर्वाधिक 817 कोरोना पॉजिटिव नए मामले सामने आए हैं। वहीं, 17 मरीजों ने दम तोड़ दिया। प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या अब 735 हो गई। अपर मुख्य स्वास्थ्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि यूपी में एक्टिव केसों की संख्या 6869 है। रिकवर होकर डिस्चार्ज लोगों की संख्या 17221 है। प्रदेश का रिकवरी दर 69.36 चल रहा है, जबकि 59.43% देश का रिकवरी दर है।
781584 सैंपल्स की जांच
प्रदेश में अब तक 781584 सैंपल्स की जांच की जा चुकी है। बुधवार को प्रदेश में 24890 सैंपल्स की जांच की गई। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि मेरठ मंडल के 6 जनपदों में निगरानी का काम शुरू हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में 2375 और शहरी क्षेत्र में 1516 निगरानी समितियां बनाई गई हैं। कुल 3891 निगरानी समितियां मेरठ मंडल में बनाई गई हैं। गौतम बुद्ध नगर में 1532, गाजियाबाद में 2161, मेरठ में 1398, बागपत में 493, बुलंदशहर में 1356 और हापुड़ में 545 निगरानी टीमें लगाई गई हैं। कुल 7485 निगरानी टीमें तैनात की गई हैं।