चद्रयान 2 की लागत में बेंगलुरु में 94 किलोमीटर सड़क की हुई व्हाइट-टॉपिंग
बेंगलुरु: इसरो के अभियान चंद्रयान 2 की लागत की तुलना नासा के अभियान और हॉलीवुड फिल्मों से की जा रही हैं। लेकिन आपको जानकार आश्चर्य होगा कि कि बेंगलुरू की सड़क में व्हाइट-टॉपिंग करने में इससे ज्यादा लागत आई है। सोचने में आपको ये ये अजीब लगे लेकिन आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं।
समाचार एजेंसी स्पूतनिक की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के इस मिशन में हॉलीवुड फिल्म 'एवेंजर्स एंडगेम' की तुलना में 65.17 फीसदी कम रकम लगी है। चंद्रयान-2 की कुल लागत करीब 850 करोड़ रुपए है। राकेट लॉन्चिंग पर 3.1 करोड़ डॉलर और 9.3 करोड़ डॉलर चंद्रयान उपग्रह की लागत रही। अब बात करें हॉलीवुड फिल्म एवेंजर्स एंडगेम की तो इसकी कुल लागत 2440 करोड़ रुपए रही थी।
चंद्रयान 2 की लागत ने हर किसी को प्रभावित किया। इसरो की इतनी कम लागत में इस अभियान को पूरा करने के लिए हर कोई तारीफ तारीफ कर रहा है। इस मिशन को 978 करोड़ रुपये में पूरा करने से हर कोई हैरान है। वहीं साल 2016 में 972 करोड़ रुपये की लागत से बेंगलुरु की सड़कों में व्हाइट-टॉपिंग के लिए बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका ने दो कंपनियों एनसीसी और मधुकोन प्रोजेक्टस को आदेश जारी किए।
एक रेगुलर बिटुमेन टोप्ड रोड पर प्रति किलोमीटर 3 से 4 करोड़ रुपये की लागत आती है। इसके अलावा सड़क को मजबूत करने में प्रति किलोमीटर 1 करोड़ रुपये से कम लागत आती है। इसी तरह व्हाइट-टॉपिंग की लागत 8 से 9 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर है।
एक यूजर ने इसे लेकर ट्वीट भी किया। उन्होंने लिखा कि नासा और हॉलीवुड फिल्मों के साथ चंद्रयान 2 बजट की तुलना बहुत दूर की बात है। बेंगलुरु की तुलना यहां अधिक भरोसेमंद है। चंद्रयान 2 में 384,400 किमी के लिए 978 करोड़, बेंगलुरु की व्हाइट-टॉपिंग सड़कें 94 किमी के लिए 986 करोड़ रुपये। इसे पचाने के लिए थोड़ा समय लें।
Comparison of #Chandrayaan2 budget with NASA and Hollywood movies is far-fetched.
Bengalureans, here is a more relatable comparison:
Chandrayaan2: ₹978cr for 384,400km
White-topping Bengaluru roads: ₹986cr for 94km
Take a moment to digest this.
— Summy (@i_freak_summy) September 9, 2019
गौरतलब है कि चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम इसरो के प्लान के मुताबिक सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर सका और चांद से महज 2.1 किमी की दूरी पर इसका स्पेस एजेंसी से संपर्क टूट गया, हालांकि अब ऑर्बिटर की मदद से विक्रम की लोकेशन का पता लग चुका है और उससे संपर्क साधने की पूरी कोशिश की जा रही है। सोमवार को इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने जानकारी दी थी कि लैंडर विक्रम पूरी तरह से सुरक्षित है।
इसरो चीफ के सिवन ने बताया कि चंद्रयान-2 का लैंडर मिल गया है लेकिन अभी तक इससे कोई भी कॉन्टैक्ट नहीं सका है। सिवन ने यह भी बताया था कि ऑर्बिटर ने लैंडर की थर्मल इमेज भी क्लिक की है। सिवन के इस जानकारी के मुताबिक लोगों की उम्मीदें फिर से जिंदा हो गई हैं।