बिहार के दो जिलों में हिंसा, प्रतिमा विसर्जन के दौरान पथराव, 10 घायल
पटना। 24 घंटे के अंदर बिहार के दो जिलों समस्तीपुर और मुंगेर में हिंसा भड़क उठी है। मुंगेर में मां चैती दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो पक्षों में टकराव के बाद जमकर पथराव हुआ। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस कोकई बार हवाई फायरिंग करनी पड़ी। वहीं समस्तीपुर जिले के रोसड़ा में मंगलवार को एक धार्मिक जुलूस के दौरान असामाजिक तत्व के चप्पल फेंके जाने से उत्पन्न तनाव फैल गया। रोसड़ा में 24 घंटे के लिए धारा 144 लागू की गई है।
दोनों पक्षों में पत्थरबाजी
पुलिस को मंगलवार की रात पथराव की सूचना मिली थी। बाटा चौक पर कुछ असामाजिक तत्वों ने दुकानों में लूटपाट भी की। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई। स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक पक्ष के लोगों ने गाना बजाने और नारा लगाने का विरोध किया। इसी पर दोनों पक्षों में तीखी बहस हो गई। देखते ही देखते दोनों पक्षों में पत्थरबाजी होने लगी। पत्थरबाजी में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। घटना में 10 लोगों के घायल होने की खबर है।
दोनों पक्षों में पत्थरबाजी
पुलिस को मंगलवार की रात पथराव की सूचना मिली थी। बाटा चौक पर कुछ असामाजिक तत्वों ने दुकानों में लूटपाट भी की। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई। स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक पक्ष के लोगों ने गाना बजाने और नारा लगाने का विरोध किया। इसी पर दोनों पक्षों में तीखी बहस हो गई। देखते ही देखते दोनों पक्षों में पत्थरबाजी होने लगी। पत्थरबाजी में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। घटना में 10 लोगों के घायल होने की खबर है।
समस्तीपुर में धार्मिक जुलूस पर असामाजिक तत्व ने चप्पल फेंकी
वहीं समस्तीपुर में सोमवार रात निकाले गये धार्मिक जुलूस पर असामाजिक तत्व ने चप्पल फेंक दिया था। रात में तो किसी तरह मामला शांत हो गया था लेकिन सुबह होते ही जुलूस के आयोजक व समर्थक जुट गये और चप्पल फेंकने वाले पर कार्रवाई की मांग को लेकर नारे लगाने लगे। इसके बाद देखते ही देखते पूरा रोसड़ा बाजार बंद हो गया। स्थानीय लोगों व प्रशासन के बीच वार्ता चल रही थी। इसी दौरान कुछ उपद्रवी तत्वों ने मौके का फायदा उठा कर मामले को गलत रूप दे दिया। स्थानीय लोगों को आशंका है कि बाहरी तत्वों ने आकर मामले को बिगाड़ दिया।
औरंगाबाद में भी सोमवार को भड़की थी हिंसा
यहीं नहीं औरंगाबाद में भी सोमवार दोपहर बाद दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क जाने के बाद प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक प्रशासन ने सुरक्षा बलों को दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए थे। उपद्रवियों ने 50 से अधिक गाड़ियों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया था। जबकि पत्थरबाजी की घटनाओं में 20 पुलिसकर्मियों सहित 60 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। बताया जाता है कि सांप्रदायिक हिंसा उस वक्त शुरू हुई जब शहर के नवाडीह इलाके में निकाली जा रही राम नवमी की शोभा यात्रा पर कुछ लोगों ने कथित रूप से पत्थरबाजी की।