428 KMPH वाले स्वदेशी विमान डॉर्नियर-228 को मिली कमर्शियल इस्तेमाल की मंजूरी
अगर आप देश में बने डॉर्नियर-228 विमान में हवाई सफर करना चाहते हैं तो अब आपका ये सपना पूरा हो सकता है। डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने डॉर्नियर-228 विमान को कमर्शियल इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।
नई दिल्लीः अगर आप देश में बने डॉर्नियर-228 विमान में हवाई सफर करना चाहते हैं तो अब आपका ये सपना पूरा हो सकता है। डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने डॉर्नियर-228 विमान को कमर्शियल इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। बता दें, अभी तक इस विमान का इस्तेमाल केवल रक्षा क्षेत्रों में ही किया जा रहा था। लेकिन अब इसका इस्तेमाल कमर्शियली भी होने लगेगा। यह भारत का पहला स्वदेशी विमान होगा जिसका कमर्शियल इस्तेमाल होगा।
700 किलोमीटर है रेंज
इस विमान को इसकी स्पीड के लिए जाना जाता है। Dornier(228) 428 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरता है और इसकी रेंज 700 किलोमीटर है। ये विमान रात में उड़ान भर सकता है। सेना में विमान का काफी इस्तेमाल होता रहा है। इसका विमान का इस्तेमाल देशी और विदेशी उड़ानों के लिए होता रहा है।
विमान में लगी हैं 19 सीटें
बता दें, भारत में इस विमान को हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)द्वारा बनाया जाता है। इसमें 19 सीटे हैं। डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन के टाइप सर्टिफिकेशन देने के बाद ये देश का पहला ऐसा विमान बन गया है जिसे रक्षा क्षेत्रों में इस्तेमाल के बाद कमर्शियल तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।
HAL बेच सकता है विमान
नियमों के मुताबिक हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भारत में एयरलाइन्स को अपने विमान बेच सकता है। कहा जा रहा है कि इस विमान का इस्तेमाल मोदी सरकार की महात्वाकांक्षी 'उड़ान' योजना के तहत किया जा सकता है। HAL के एक अधिकारी ने बताया, 'संचालकों को प्लेन के इस्तेमाल के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया जा सकता है।'
डॉर्नियर-228 विमान ने किया था सफल परीक्षण
इसी महीने कानपुर एयरपोर्ट पर डॉर्नियर-228 विमान का सफल उड़ान परीक्षण किया गया था, इसके बाद डीजीसीए ने कमर्शल इस्तेमाल के लिए इसे मंजूरी दी है।बता दें, विमान को हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड की ब्रांच कानपुर में 1960 से है। यहां विमानों की रिपेंयरिंग भी की जाती है।