शहीद कर्नल के पिता बोले-संतोष बाबू को महावीर चक्र से सम्मानित करने पर 100 प्रतिशत संतुष्ट नहीं
नई दिल्ली। पिछले साल गलवान घाटी ( Galwan Vally) में चीनी सैनिकों से लोहा लेते हुए शहीद होने वाले कर्नल संतोष बाबू (COL Santosh Babu) को महावीर चक्र (Maha Vir Chakra) से सम्मानित किया गया है। शहीद कर्नल संतोष बाबू के पिता बेटे को महावीर चक्र मिलने से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कर्नल को परमवीर चक्र मिलना चाहिए था। बता दें कि महावीर चक्र देश का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है।
शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू के पिता ने सोमवार को कहा कि वह जून 2020 में बहादुरी का प्रदर्शन करने के लिए उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र प्रदान करने से 100 फीसदी संतुष्ट नहीं हैं। उन्हें परम वीर चक्र से नवाजा जाना चाहिए था। बाबू के पिता बी उपेंद्र ने कहा, ऐसा नहीं है कि मैं दुखी हूं, लेकिन मैं (महावीर चक्र पुरस्कार से) 100 प्रतिशत संतुष्ट नहीं हूं। उन्हें बेहतर तरीके से सम्मानित किया जाना चाहिए था।
कर्नल संतोष बाबू के पिता ने आगे कहा कि, लेकिन मेरी राय है कि संतोष बाबू को अपने कर्तव्यों का निर्वहन के दौरान दिखाई गई वीरता के लिए सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार परमवीर चक्र के लिए नामित किया जाना चाहिए था। शहीद कर्नल के पिता ने कहा कि,, उनके बेटे की वीरता ने कई लोगों को प्रेरित किया है जिनमें रक्षा बलों में काम करने वाले कर्मी भी शामिल हैं। उपेंद्र ने कहा कि, कर्नल संतोष बाबू और उनकी टीम ने अपनी वीरता से चीनी सेना की बहादुरी के झूठे दावों का पर्दाफाश कर दिया था।
उपेंद्र ने कहा कि, कर्नल बाबू के परिवार को केंद्र की ओर से आमतौर पर शहीद सैनिकों के परिवारों को दिए जाने वाले विभागीय लाभों से अधिक कुछ नहीं मिलता था। बता दें कि, तेलंगाना सरकार ने शहीद कर्नल के परिवार को 5 करोड़ का मुआवजा दिया है, इसके अलावा उनकी पत्नी को क्लास-1 ग्रुप का पद दिया है, वहीं एक रेजिडेंसियल प्लॉट दिया है। बता दें कि बिकुमल्ला उपेंद्र भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त हुए हैं। वह तेलंगाना के सूर्यापेट शहर में रहते हैं।
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