दुकानदार ने किया मैसूरपाक मिठाई खाने से कोरोना के ठीक होने का दावा, FSSAI ने रद्द किया लाइसेंस
नई दिल्ली: कोरोना वायरस की दवा और वैक्सीन को लेकर पूरी दुनिया में शोध जारी है, लेकिन अभी तक किसी भी देश को इसमें सफलता हासिल नहीं हुई है। इस बीच तमिलनाडु में एक दुकान वाले ने दावा किया कि मैसूरपाक मिठाई खाने से कोरोना वायरस ठीक हो जाएगा। जिसके बाद फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने दुकान के खिलाफ कार्रवाई की है। साथ ही वहां से भारी मात्रा में मिठाई भी जब्त की गई है।
13 बार चबाने की सलाह
रिपोर्ट के मुताबिक कोयम्बटूर जिले के चिन्नियामपलायम इलाके में एक दुकान संचालक ने दावा किया था कि मैसूरपाक मिठाई खाने से कोरोना का मरीज ठीक हो जाता है। इसके लिए बाकायदा विज्ञापन भी छपवाया गया। जिसके मुताबिक मिठाई का एक हिस्सा काटकर मुंह में डाले और उसे 13 बार चबाएं। इसके बाद होंठ बंद करके उसे निगल लें। इसके अलावा लोगों को एक दिन में चार मिठाई खाने की सलाह दी गई थी। दुकानदार के मुताबिक इस मिठाई का वो लोग भी सेवन कर सकते हैं, जिनमें कोरोना वायरस नहीं है। उसकी दुकान पर एक किलो मिठाई की कीमत 800 रुपये थी।
120 किलो मैसूरपाक जब्त
मामले की गंभीरता को देखते हुए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) की टीम दुकान पर पहुंची। इस दौरान दुकान का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया। साथ ही 120 किलोग्राम मैसूरपाक भी बरामद हुआ। लाइसेंस रद्द करने के बाद दुकानदार के खिलाफ धारा 53 (भ्रामक विज्ञापन के लिए जुर्माना) और धारा 61 (झूठी जानकारी के लिए सजा), खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस्तेमाल सामान की नहीं दे पाया लिस्ट
मामले में FSSAI के अधिकारी ने बताया कि दुकान का मालिक लगातार भ्रामक और झूठे दावे कर रहा था। जिस वजह से उसके खिलाफ कार्रवाई की गई है। जब उससे मैसूरपाक बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री की सूची मांगी गई, तो वो नहीं दे पाया। जिसके बाद दुकान को बंद करवाकर 120 किलो मैसूरपाक जब्त किया गया है, जिसकी कीमत 1 लाख रुपये के करीब है। इसके अलावा टीम ने वहां से कुछ सैंपल भी इकट्ठा किए हैं, जिसे जांच के लिए लैब में भेज जा रहा है।
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