मुर्गे ने लड़ाई में ली मालिक की जान, अदालत में पेश किया जाएगा
यह पहला मौका नहीं है जबकि किसी मुर्गे ने अपने मालिक की हत्या की है. पिछले साल आंध्र प्रदेश में एक शख्स की तब मौत हो गई थी जबकि उसके मुर्गे के पैरों में बंधे ब्लेड से उसकी गर्दन कट गई थी.
हैदराबाद। तेलंगाना में मुर्गों की अवैध लड़ाई के खेल के लिए एक मुर्गे के पंजों पर चाकू बांध दिया गया था। इस मुर्गे ने अपने ही मालिक को मार दिया। मुर्गे ने भागने की कोशिश की और इस दौरान उसके पंजों में लगे चाकू से मालिक को गंभीर चोटें आईं. इस शख़्स को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन ज्यादा ख़ून बह जाने के चलते उसकी मौत हो गई.
पुलिस अब 15 लोगों की तलाश कर रही है जो कि मुर्गों की इस अवैध लड़ाई के कार्यक्रम में शामिल थे. यह आयोजन तेलंगाना के लोतुनुर गांव में इस हफ्ते की शुरुआत में हुआ था. इस शख़्स की मौत के बाद मुर्गे को पुलिस स्टेशन ले जाया गया जहाँ से उसे एक फ़ार्म में भेज दिया गया. पुलिस का कहना है कि मुर्गे को लड़ाई के लिए तैयार किया जा रहा था और उसी दौरान उसने भागने की कोशिश की. इसके मालिक ने इसे पकड़ने की कोशिश की. लेकिन, मुर्गे और उसके मालिक के बीच के संघर्ष में मुर्गे के पंजों में बांधे गए 7 सेंटीमीटर लंबे (3 इंच) चाकू से मालिक को चोट लग गई. एएफ़पी न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस इवेंट में शामिल लोगों पर हत्या, अवैध सट्टेबाजी और मुर्गों की लड़ाई आयोजित करने के आरोप लगाए गए हैं.
पहले भी मुर्गों ने ली है मालिकों की जान
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, स्थानीय पुलिस अधिकारी बी जीवन ने कहा है कि मुर्गे को आगे की तारीख़ में अदालत में पेश किया जाएगा. भारत में मुर्गों की लड़ाई पर 1960 से रोक लगा दी गई थी, लेकिन तेलंगाना के ग्रामीण इलाकों समेत कुछ जगहों पर ये लड़ाइयां अभी भी कराई जाती हैं. मुर्गों की लड़ाई का खेल आमतौर पर मकर संक्रांति के दौरान होता है.
यह पहला मौका नहीं है जबकि किसी मुर्गे ने अपने मालिक की हत्या की है. पिछले साल आंध्र प्रदेश में एक शख्स की तब मौत हो गई थी जबकि उसके मुर्गे के पैरों में बंधे ब्लेड से उसकी गर्दन कट गई थी. सीएनएन के मुताबिक, मालिक उस मुर्गे को लड़ाई के खेल के लिए लेकर जा रहा था उसी वक्त यह घटना हुई.
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