जल्द ही कोका कोला भारत के हर राज्य में उतारेगा देसी पेय पदार्थ
नई दिल्ली। पेय पदार्थ निर्माता कंपनी कोका कोला भारत में अपने बिजनेस विस्तार के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। अब कोका कोला देसी पेय पदार्थ भी बाजार में उतारने की तैयारी कर रहा है। जल्द अब कोका कोला फ्रूट जूस और देशी पेय पदार्थ को भी भारतभर में बेचेगा। कंपनी ने लक्ष्य रखा है कि वह भारत के दो तिहाई इलाकों में अपने पैर पसारेगा। कोका कोला इंडिया और साउथवेस्ट एशिया के अध्यक्ष टी कृष्णकुमार ने बताया कि हमारी योजना यह है कि आने वाले समय में हम वैश्विक बाजार में एक तिहाई क्षेत्र व भारत में दो तिहाई क्षेत्रों में अपने पेय पदार्थों को पहुंचाना चाहते हैं।
50 फीसदी मार्केट भारत में
भारत में कोका कोला मौजूदा समय मे 50 फीसदी पेय पदार्थ जिसमे थम्स अप, लिमका, माजा आदि बेचता है, इन पेय पदार्थों को भारत में बनाया और बेचा जाता है। कंपनी ने जलजीरा ब्रांड रिमझिम भी पिछले वर्ष बाजार में उतारा था। कृष्णकुमार ने बताया कि हमने इस बात को महसूस किया है कि देशभर में स्थानीय पेय पदार्थ काफी लोकप्रिय हैं, हम इन पेय पदार्थों को पहचानने की कोशिश कर रहे हैं। हम हर राज्य के एक या दो पेय पदार्थों की पहचान कर रहे हैं। उदाहरण के लिए नारियल पानी काफी प्रचलित पेय पदार्थ है। ऐसे में अगले तीन साल में हम इन पेय पदार्थों को बाजार में लेकर आएंगे।
नारियल पानी भी बेचेगा कोका कोला
दुनिया के बाजार में कोका कोला जीको नाम से नारियल पानी बेचता है, जिसे अब भारत में भी उतारने की तैयारी कंपनी कर रही है। साथ ही कंपनी फ्रूट जूस पर जोर देने जा रही है। भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा फ्रूट जूस का उत्पादक देश है। कृष्णकुमार ने बताया कि हमने इस बात को देखा है कि भारत में लोग बड़ी संख्या में फ्रूट जूस पीते हैं। इसीलिए हमने रस रस में इंडिया नाम का ब्रांड शुरू किया है, जहां हम हर राज्य से फल लेंगे और उसमे से जूस निकालेंगे।
हर राज्य का एक देशी पेय
महाराष्ट्र में मोसंबी का जूस और संतरे का जूस सबसे ज्यादा लोकप्रिय है, इसलिए कंपनी ने मोसंबी की शुरुआत की है। इसी तरह तमिलनाडु में हम नीलम आम का जूस देने की तैयारी कर रहे हैं। कृष्णकुमार ने बताया कि आने वाले समय में आप देखेंगे कि हर राज्य के लिए कोई ना कोई स्थानीय पेय पदार्थ कंपनी लेकर आएगी। आपको बता दें कि कोका कोला के लिए भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है जहां इसके पेय पदार्थों की खपत होती है।