CNN-CSDS Lokniti: ओपिनियन पोल में थीं कम सीटें, Exit Poll में बदल गई NDA की स्थिति
नई दिल्ली। लोकसभा के सभी सात चरणों के चुनाव रविवार को खत्म हो गए, इसके बाद सभी न्यूज चैनलों ने टीवी पर एग्जिट पोल (Exit Poll) को दिखाया, जिसमें से अधिकांश एग्जिट पोल (Exit Poll) यही कहते दिखे कि एक बार फिर से देश में मोदी सरकार पूर्ण बहुमत के साथ बनने जा रही है, फिलहाल इन दावों में कितना सच है, इस बात का पता तो 23 मई को लगेगा, जिस दिन चुनावी नतीजे आएंगे।
ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल के आंकड़ों में है अंतर
एक खास बात आपको यहां बता दें कि चुनाव शुरू होने से पहले तमाम एजेंसी और मीडिया हाउस ने ओपिनियन पोल कराया था, लेकिन तब जो आंकड़े पेश किए गए थे, उससे अब के एग्जिट पोल में काफी अंतर है।
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CSDS-लोकनीति एग्जिट पोल
CSDS-लोकनीति के ओपिनियन पोल में एनडीए के खाते में 263 से 283 सीटें मिलती दिखाई दे रही थी इस पोल में यूपीए को 115-135 (125) मिलती दिख रही थी जबकि अन्य के खाते में 130-160 (145) जाती नजर आ रही हैं, आपको बता दें कि CSDS-लोकनीति ने अपना एग्जिट पोल एबीपी के साथ मिलकर किया और इसमें एनडीए के खाते में 277, यूपीए को 130 और अन्य के खाते में 135 सीटें जाती दिख रही हैं।
मोदी सरकार की वापसी तय!
कुल मिलाकर ये एग्जिट पोल ये कह रहा है एक बार फिर में मोदी की अगुवाई में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने जा रही है और राहुल गांधी को नाकामी हाथ लगेगी, उनकी बहन प्रियंका गांधी की सारी कोशिशें भी कांग्रेस की सत्ता में वापसी नहीं करा पाएंगी।
साल 2014 में यह था गणित
गौरतलब है कि साल 2014 के चुनाव में एनडीए को 336 और यूपीए को 60 सीटें मिली थी। बीजेपी को पांच साल पहले हुए आम चुनाव में 282, कांग्रेस 44 और अन्य को 147 सीटें मिली थीं।
क्या होता है एग्जिट पोल
जब मतदाता अपना वोट डालकर निकल रहा हो तब उससे पूछा जाए कि उसने किसे वोट दिया, इस आधार पर किए गए सर्वेक्षण से जो व्यापक नतीजे निकाले जाते हैं उन्हें ही एग्जिट पोल कहते हैं।
समाजशास्त्री और पूर्व राजनेता मार्सेल वान डैम
ओपिनियन पोल इससे अलग होते हैं, इस सर्वे में निर्वाचकों से पूछा जाता है कि वे अपना मत किसे देने का मन बना रहे हैं। नीदरलैंड के समाजशास्त्री मार्सेल वान डैम ने दुनिया को एग्जिट पोल के बारे में बताया था, 15 फरवरी, 1967 को पहली बार वहां के चुनावों में इसका प्रयोग हुआ था।
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