आंध्र प्रदेश में लागू नहीं होगा NRC, CM जगन मोहन रेड्डी ने किया बड़ा ऐलान
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन जारी है। कई स्थानों पर प्रदर्शन हिंसक भी हुए और लोगों की जानें भी गईं। कई राज्य पहले भी इन कानून का विरोध कर चुके हैं अब इस लिस्ट में आंध्र पदेश का नाम भी जुड़ गया है। सोमवार को हुई एक सार्वजनिक बैठक में मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने ऐलान किया की वह अपने राज्य में एनआरसी को लागू नहीं होने देंगे।
बिहार
में
भी
लागू
नहीं
होगा
एनआरसी
नागरिकता
संशोधन
कानून
पर
मचे
बवाल
के
बीच
नीतीश
कुमार
ने
शुक्रवार
को
कहा,
'बिहार
में
नेशनल
रजिस्टर
ऑफ
सिटीजंस
यानी
एनआरसी
लागू
नहीं
होगा।'
आपको
बता
दें
कि
नागरिकता
संशोधन
कानून
पर
नीतीश
कुमार
की
पार्टी
जेडीयू
ने
लोकसभा
और
राज्यसभा
में
मोदी
सरकार
का
साथ
दिया
था।
हालांकि
नीतीश
के
इस
कदम
को
लेकर
पार्टी
के
भीतर
ही
विरोध
शुरू
हो
गया।
पार्टी
उपाध्यक्ष
प्रशांत
किशोर
और
पवन
वर्मा
ने
कहा
कि
नागरिकता
संशोधन
कानून
पर
जेडीयू
ने
समर्थन
कर
गलत
फैसला
लिया
है।
जानिए,
क्या
है
एनआरसी
?
नेशनल
रजिस्टर
ऑफ
सिटिजन
बिल
एक
रजिस्ट्रर
है
जिसमें
भारत
में
रह
रहे
सभी
वैध
नागरिकों
का
रिकॉर्ड
रखा
जा
रहा
है।
बता
दें
कि
एनआरसी
की
शुरुआत
2013
में
सुप्रीम
कोर्ट
की
देख-रेख
में
असम
में
हुई
थी।
फिलहाल
यह
असम
के
अलावा
किसी
अन्य
राज्य
में
लागू
नहीं
है।
एनआरसी
के
तहत
भारत
का
नागरिक
साबित
करने
के
लिए
किसी
व्यक्ति
को
यह
साबित
करना
होगा
कि
उसके
पूर्वज
24
मार्च
1971
से
पहले
भारत
आ
गए
थे।
बता
दें
कि
अवैध
बांग्लादेशियों
को
निकालने
के
लिए
इसे
पहले
असम
में
लागू
किया
गया
है।
अगले
संसद
सत्र
में
इसे
पूरे
देश
में
लागू
करने
का
बिल
लाया
जा
सकता
है।
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