नोएडा के 2 पड़ोसी रिटायर्ड कर्नल और एडीएम के झगड़े में मायावती और सीएम योगी आमने-सामने
नोएडा। दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा में जारी चर्चित एडीएम और रिटायर्ड कर्नल का विवाद ने अब राजनीतिक का रुप ले लिया है। एक पक्ष के साथ खड़े हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो दूसरे पक्ष के साथ पूर्व मुख्यमंत्री मायावती। आपको बता दें कि सीएम योगी के निर्देश पर रिटायर्ड कर्नल वीरेंद्र प्रताप सिंह चौहान से मारपीट के मामले में मुजफ्फरनगर के एडीएम हरिशचंद्र को निलंबित कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एडीएम हरिश्चंद्र की पत्नी उषा ने मायावती से दिल्ली में मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि इसके बाद मायवाती के कहने पर नेता लालजी वर्मा ने सीएम योगी से भेंट मुलाकत की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सिर्फ दलित होने के कारण एडीएम को परेशान किया जा रहा है।
जानिए पूरा मामला
पीसीएस एसोसिएशन ने एडीएम का पक्ष रखते हुए कहा है कि हरीशचंद्र का परिवार फ्लैट नं. 644 सेक्टर 29 में रहता है वहीं नीचे फ्लैट नंबर 645 में रिटायर्ड कर्नल वीरेंद्र सिंह चौहान रहते हैं। एडीएम का आरोप है कि कर्नल काफी समय से एडीएम की पत्नी को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर गाली-गलौज करते थे। 14 अगस्त को सार्वजनिक पार्क में कई महिलाओं की मौजूदगी में कर्नल ने अभद्र व्यवहार किया तो मंजुला धर नामक महिला ने सौ नंबर डायल कर पुलिस बुला ली।
जिसके बाद पुलिस ने कर्नल को हिरासत में ले लिया। वहीं चार दिनों बाद वीरेंद्र सिंह चौहान ने 18 अगस्त को एडीएम और उनकी पत्नी सहित अन्य लोगों पर केस दर्ज कराया। घटना के बाद पुलिस को अपनी गलती का पता चला तो एसएसपी ने में सीओ अनित कुमार का तबादला करते हुए दादरी सर्किल में तैनात कर दिया था और इंस्पेक्टर को थाना सेक्टर-20 से हटाकर थाना सूरजपुर भेज दिया था।
रिटायर्ड कर्नल की गिरफ्तारी से नाराज पूर्व सैनिक
पुलिस ने रिटायर्ड कर्नल को हथकड़ी पहनाकर कोर्ट में पेश किया था। यही नहीं थाने में उन्हें फर्श पर बैठाया गया था। जिससे शहर के पूर्व सैनिक नाराज थे। पूर्व सैनिकों ने इसकी शिकायत डीएम से की और रिटायर्ड कर्नल के बेकसूर होने के साक्ष्य दिए। साथ ही पूर्व सैनिकों के दबाव में राज्य सरकार भी हरकत में आई और पीड़ित कर्नल को हर तरह की मदद करने का आदेश दिया गया।