कंगना को लेकर इंटरव्यू में CM उद्धव से पूछा गया सवाल, मिला जवाब- 'मेरे पास उसके लिए...'
नई दिल्ली: सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से बॉलीवुड में हंगामा जारी है। इस बीच कंगना रनौत भी सुशांत के फैन्स के समर्थन में आईं और महाराष्ट्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। बात धीरे-धीरे आगे बड़ी और शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने भी कंगना को काफी कुछ बोल दिया। इसके बाद बीएमसी ने कंगना के मुंबई स्थित ऑफिस के कुछ हिस्से को अवैध निर्माण बताते हुए तोड़ दिया। तब से कंगना महाराष्ट्र सरकार पर और ज्यादा हमलावर हैं। हालांकि इस मामले में खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
बयान को बताया मुंबई का अपमान
दरअसल शिवसेना के मुखपत्र सामना के लिए संजय राउत ने सीएम उद्धव ठाकरे का इंटरव्यू लिया। इस दौरान महाराष्ट्र के तमाम राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई। इंटरव्यू के बीच में बिना नाम लिए संजय राउत ने उद्धव ठाकरे से कंगना पर टिप्पणी करने को कहा। इस पर सीएम उद्धव ने उस सवाल को टाल दिया। उन्होंने कहा कि कृपया इसे छोड़ दें, मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। मेरे पास इस बारे में बात करने का समय भी नहीं है। वहीं जब मुंबई को पीओके बताने वाले बयान पर सीएम से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये मुंबई के लोगों का अपमान है और लोग इस पर राजनीतिकरण चाहते हैं।
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पुलिस के सामने पेश होंगी कंगना
वहीं कंगना ने मुंबई की तुलना पीओके से कर दी थी। जिसके बाद बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के बाद उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया। इस मामले में 26-27 तारीख को मुंबई पुलिस ने कंगना को पेश होने को कहा था, लेकिन वो नहीं आईं। साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट में एफआईआर खारिज करने की याचिका दायर की। जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान 8 जनवरी को कोर्ट ने कंगना को मुंबई पुलिस के सामने पेश होने का आदेश दिया है। साथ ही मुंबई पुलिस को भी कहा है कि वो तब तक कंगना पर कोई कार्रवाई ना करें। इस केस में कंगना की बहन रंगोली का भी नाम है।
बीएमसी को कहा था बाबर सेना
आपको बता दें कि जब बीएमसी बांद्रा स्थित कंगना का दफ्तर तोड़ने पहुंची तो कंगना ने उस पर जमकर हमला बोला। साथ ही उसे बाबर सेना कह दिया। इसके अलावा आए दिन कंगना शिवसेना को पप्पू सेना और सोनिया सेना कहकर संबोधित करती रहती हैं। कंगना का आरोप है कि महाराष्ट्र सरकार ने पहले तो सुशांत के गुनहगारों को बचाने की कोशिश की और जब बाद में उन्होंने आवाज उठाई, तो बदले की भावना से उनके दफ्तर को तोड़ दिया गया। कंगना ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की थी, जिसके बाद केंद्र सरकार ने कंगना को Y श्रेणी सुरक्षा दी है।
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