अहमदाबाद-राजकोट के अस्पतालों में बच्चों की मौत के सवाल पर बिना बोले निकले सीएम रुपाणी, देखिए Video
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नई दिल्ली- गुजरात के अहमदाबाद और राजकोट के दो सरकारी अस्पतालों में दिसंबर महीने में ही 200 से ज्यादा नवजात बच्चों की मौत की खबरों पर राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की बोलती बंद हो गई है। खबरें हैं कि पिछले साल दिसंबर महीने में ही राजकोट सिविल हॉस्पिटल में 134 और अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल में 85 नवजात बच्चों ने दम तोड़ दिया। जबकि, पिछले तीन महीनों का आंकड़ा जोड़कर गुजरात के सबसे बड़े दोनों सरकारी अस्पतालों में ही नवजात बच्चों की मौत का आंकड़ा 253 तक बताया जा रहा है।
गौरतलब है कि राजकोट सिविल अस्पताल के डीन मनीष मेहता ने तो दिसंबर महीने में अपने अस्पताल में 111 बच्चों की मौत की पुष्टि भी कर दी है।
Manish Mehta, Dean, Rajkot Civil Hospital: 111 children died in the month of December at Rajkot Civil Hospital. #Gujarat pic.twitter.com/mPQxHolBAG
— ANI (@ANI) January 5, 2020
लेकिन, जब गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से मीडिया वालों ने राजकोट और अहमदाबाद के सिविल अस्पतालों में बच्चों की मौत की खबरों पर सवाल किया तो मुख्यमंत्री बिना कुछ बोले वहां से निकल लिए।
#WATCH: Gujarat Chief Minister Vijay Rupani walks away when asked about reports of deaths of infants in hospitals in Rajkot and Ahmedabad. pic.twitter.com/pzDUAI231Z
— ANI (@ANI) January 5, 2020
राजकोट सिविल अस्पताल का आंकड़ा तो सबसे चौंकाने वाला है, जहां पिछले साल कम से कम 1,235 नवजात बच्चों की मौत की खबरें हैं। लेकिन, दिसंबर में यह आंकड़ा बहुत ज्यादा बढ़ गया और 131 बच्चे जिन्होंने हाल ही में जन्म लिया था और उनकी मौत हो गई।
बड़ी बात ये है कि मुख्यमंत्री रुपाणी राजकोट से ही आते हैं, लेकिन उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देने के बजाय चुप्पी साध कर निकल लेने में भी भलाई समझी।
हालांकि, सरकारी अधिकारियों के मुताबिक राजकोट सिविल अस्पताल में कई जिलों के बच्चे आते हैं और यहां नवंबर-दिसंबर में डिलिवरी की संख्या में भी भारी इजाफा हो जाता है। नवजातों की मौत का एक बड़ा कारण मेडिकल स्टाफ की कमी भी बताई जा रही है।
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